बिलासपुर। सतत विकास (Sustainable Development) को लेकर आज प्रार्थना सभा भवन के सभा कक्ष में संभाग स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में संभागायुक्त महादेव कावरे ने कहा कि स्थायी विकास का उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करना है। इस लक्ष्य की प्रभावी निगरानी और क्रियान्वयन के लिए राज्य नीति आयोग ने एसडीजी जिला संकेतक फ्रेमवर्क तैयार किया है, जिसमें सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय पहलुओं से जुड़े 82 संकेतकों को शामिल किया गया है।
संभाग के जिलों की प्रगति रिपोर्ट जारी
संभागायुक्त ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र ने 2015 में 17 सतत विकास लक्ष्य (SDG) निर्धारित किए थे, जिन्हें 2030 तक पूरा करना है। उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ की दिशा में इन लक्ष्यों को प्राप्त करने की रणनीति पर चर्चा करना है।
रैंकिंग की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ को कुल 69 अंक मिले हैं, जबकि संभाग में मुंगेली, रायगढ़ और सारंगढ़ ने सबसे अधिक 70 अंक प्राप्त किए हैं। बिलासपुर को 69 अंक मिले हैं। जिलों द्वारा हर वर्ष इन संकेतकों के आधार पर प्रगति रिपोर्ट तैयार की जाती है, जिसके आधार पर कलेक्टर और विभाग विकास कार्यों की समीक्षा और विश्लेषण करते हैं।
एसडीजी डैशबोर्ड से विकास कार्यों की निगरानी
संभागायुक्त ने बताया कि आईटी टूल “एसडीजी डैशबोर्ड” के माध्यम से जिलों की प्रगति को प्रभावी रूप से दर्शाया गया है। साथ ही, जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित एसडीजी टीम प्रगति की समीक्षा कर रही है। यह डेटा-आधारित रिपोर्ट संबंधित विभागों को विकास में आने वाली चुनौतियों की पहचान करने, संसाधनों के न्यायसंगत उपयोग और रणनीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन में मदद कर रही है।
नीति आयोग के विशेषज्ञों ने दी महत्वपूर्ण जानकारी
राज्य नीति आयोग के सदस्य डॉ. के. सुब्रमण्यम ने एसडीजी के विभिन्न पहलुओं को सरल और प्रभावी तरीके से समझाया। उन्होंने गरीबी उन्मूलन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, जलवायु परिवर्तन, लैंगिक समानता और आर्थिक विकास जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रकाश डाला।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संदीप अग्रवाल ने कहा कि यह कार्यशाला इस बात पर केंद्रित है कि नीतियों का निर्माण और उनका क्रियान्वयन कैसे किया जाए। उन्होंने कहा कि स्थायी विकास का अर्थ है कि वर्तमान आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ भविष्य की पीढ़ियों की जरूरतों का भी ध्यान रखा जाए।
इस कार्यशाला में राज्य नीति आयोग की सदस्य सचिव डॉ. नीतू गोर्डिया, जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल सहित संभाग के सभी जिलों के अधिकारी उपस्थित रहे। अधिकारियों ने एसडीजी के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए विभिन्न उपायों और नीतियों पर विस्तृत चर्चा की।