छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में बुधवार रात एक बेहद दर्दनाक घटना घटी। वसुंधरा नगर के निवासी सतीश मनहर (20) और सुनील दिवाकर (50) रेलवे ट्रैक पर बैठे हुए मोबाइल चला रहे थे। इसी दौरान तेज़ रफ्तार से आ रही एक एक्सप्रेस ट्रेन ने उन्हें संभलने का मौका तक नहीं दिया, और दोनों के पैर कट गए। घटना के तुरंत बाद उन्हें गंभीर हालत में सिम्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है।

साथियों ने कहा था- भागो..

बताया जा रहा है कि सतीश और सुनील सहित कुछ युवक बुधवार की रात अमेरी फाटक के पास रेलवे ट्रैक पर बैठे थे। सभी मोबाइल में व्यस्त थे और आपस में बातचीत कर रहे थे। तभी अचानक एक तेज़ रफ्तार एक्सप्रेस ट्रेन धड़धड़ाते हुए पटरी पर आ गई। ट्रेन के आने का आभास होते ही वहां मौजूद कुछ अन्य युवकों ने दूर से ट्रेन को देख लिया और अपने साथियों को भागने के लिए आवाज़ दी। कुछ युवकों ने तेजी से भागकर अपनी जान बचाई, लेकिन सतीश और सुनील को संभलने का मौका नहीं मिल पाया और ट्रेन उनके पैरों से गुजर गई।

मालगाड़ी के चालक ने बुलाई 108

हादसे के बाद रेलवे ट्रैक पर मौजूद युवकों की भीड़ जुट गई। उस समय एक मालगाड़ी भी वहां से गुजर रही थी। मालगाड़ी के चालक ने घायलों को देखकर तुरंत घटना की सूचना उसलापुर स्टेशन के स्टेशन मास्टर को दी। स्टेशन मास्टर ने तत्परता दिखाते हुए 108 संजीवनी एंबुलेंस सेवा को सूचना दी। सूचना मिलते ही संजीवनी 108 के पायलट सुनील गढ़ेवाल और अशोक निराला मौके पर पहुंचे और दोनों घायलों को सिम्स हॉस्पिटल पहुंचाया गया।

Blive.news की टिप्पणी

इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि रेलवे ट्रैक पर अनावश्यक रूप से बैठना, टहलना और मोबाइल में  ईयर फोन लगाकर व्यस्त रहना कितना खतरनाक हो सकता है। यह हादसा एक चेतावनी है कि जीवन की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और रेलवे ट्रैक जैसी खतरनाक जगहों पर हमेशा सतर्क रहना चाहिए।

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