105 में 56 मशीनें पहुंची, 23 स्थापित भी हो चुकी, सिम्स की व्यवस्था में भी सुधार
बिलासपुर। सिम्स अस्पताल की सेवाओं में लगातार सुधार किया जा रहा है। डीएमएफ मद से बुनियादी जरूरतें तत्काल स्वीकृति देकर पूर्ण की जा रहीं हैं। कोनी में 200 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल इसी साल शुरू हो सकता है।
अस्पताल अधीक्षक डॉ. एस के नायक ने बताया कि कोनी में सिम्स का मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल तेजी से आकार ले रहा है। पीएमएसएसवाई योजना के अंतर्गत भारत सरकार एवं राज्य शासन द्वारा 200 करोड़ रुपए की यह महत्त्वाकांक्षी परियोजना है। अस्पताल में इसी वर्ष अपनी सेवाएं शुरू करने की योजना है। अस्पताल का सिविल और इलेक्ट्रिकल कार्य पूरा होने वाला है। 105 उपकरणों की आपूर्ति होनी है। अब तक 56 उपकरण प्राप्त हो चुके हैं। इनमें से 23 की स्थापना भी हो गई है।
सेवाएं शुरू करने के लिए कर्मचारियों की भर्ती शुरू हो चुकी है। अस्पताल में कार्डियोलॉजी, कार्डियोथोरेसिक वैस्कुलर सर्जरी, न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, नेप्रोलॉजी और यूरोलॉजी जैसे छह सुपरस्पेशलिटी विभाग हैं।
यूरोलॉजी न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी और एनेस्थीसिया विभागों में 4 विशेषज्ञ डॉक्टर नियुक्त किए जा चुके हैं। डायग्मोस्टिक सेवा विभागों में 10 रैजिडेंट्स डॉक्टर नियुक्त किए गए हैं।
चूंकि अस्पताल भवन का हस्तांतरण फिलहाल नहीं हो पाया है, इसलिए सिम्स अस्पताल में इन विशेषज्ञों एवं रेसिडेंट्स की सेवाएं ली जा रही हैं। सिम्स को विशेषज्ञों एवं रेसिडेंट्स की नियुक्ति के लिए डीएमएफ के माध्मम से कलेक्टर से आवश्यक वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है। न्यूरोलॉजी ओपीडी सेवाएं और यूरोलॉजी ओपीडी सेवाएं प्रति सप्ताह दो दिन मंगलवार और शुक्रवार को शुरू हो गई हैं। न्यूरॉसर्जरी ओपीडी सेवाएं सप्ताह में 2 दिन बुधवार और शनिवार को शुरू हो गई हैं। पिछले दो सप्ताह में न्यूरोसर्जरी में 49 मरीज, न्यूरोलॉजी में 95 मरीज ने ओपीडी सेवाओं का लाभ उठाया है। यूरोलॉजी विभाग में पिछले 4 महीने में बाह्य रोगी विभाग में 639 मरीज एवं 112 शल्य चिकित्सा का लाभ मरीजों को मिला है। मल्टी सुपरस्पेशलटी के अस्पताल भवन के हस्तांतरण होते ही सभी सेवाएं नवीन भवन में स्थानांतरण की जाएगी।
सिम्स ने ओपीडी पंजीकरण के लिए क्यूआर कोड स्कैनिंग सिस्टम की शुरुआत कर दी है। इस सिस्टम के तहत मरीज अपने घर से भी पंजीयन करा सकते हैं। इस प्रणाली के माध्यम से मरीजों को आने वाले समय में उनके चिकित्सा रिकॉर्ड भी प्राप्त होंगो।
सिम्स अधीक्षक ने बताया कि फिलहाल प्रति दिन 150 से 250 लोग इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं।
सिम्स में सीटी स्कैन एवं एमआरआई उपकरण पिछले 3 सप्ताह से मेंटेनेंस के लिए बंद किया गया था। संबंधित कंपनी के मेंटेनेंस स्टाफ द्वारा बताया गया कि एयर कंडीशनिंग की समस्या है। लोक निर्माण विभाग के ई एंड एम शाखा और सीएसईबी द्वारा पावर सप्लाई का सुधार के उपरांत समस्त एयर कंडीशनर्स को आज क्रियाशील कर लिया गया है।