बिलासपुर। मुंगेली जिले के लोरमी के जंगलों में सियारों के हमले से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। 6-8 सियारों का झुंड लगातार दो रातों से गांवों में घूमते हुए हमला कर रहा है। अब तक 7 ग्रामीणों को घायल कर चुके हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। खुड़िया के आसपास के गावों में वन विभाग में रात में घरों से बाहर नहीं निकलने और सतर्क रहने की मुनादी कराई है। इस घटना ने यूपी के बहराइच में भेड़ियों की दहशत की याद दिला दी है। 

आंगन में घुसकर हमला

दरवाजा गांव के निवासियों ने वन विभाग को ग्रामीणों के घायल होने की सूचना दी। गुरुवार की रात को मनियारी नदी के पास ईंट बनाने वाले ग्रामीणों पर हमला हुआ। करीडोंगरी गांव में श्याम लाल पटेल और उनके परिवार के तीन सदस्यों पर भी सियारों ने हमला किया। शुक्रवार की सुबह खेत घूमने गए धुधा साहू को भी सियारों ने अपना शिकार बनाया। इसी तरह शुक्रवार को कारीडोंगरी बीट के पास 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला मेघईया पटेल के साथ हुई, जिन पर देर रात 1 बजे उनके घर के आंगन में हमला हुआ। उनकी चीखें सुनकर पोता दयाराम मदद के लिए आया, लेकिन सियारों ने उसे भी घायल कर दिया।

मालूम हो कि ये सभी गांव खुड़िया बांध से लगे हैं। साथ ही अचानकमार टाइगर रिजर्व का भी यह बाहरी इलाका है।

रात में शिकार की खोज

सियार शेड्यूल फर्स्ट क्लास के वन्यजीवों में आते हैं और आमतौर पर खेतों और जंगलों में दिन के समय छिपे रहते हैं। रात होते ही ये शिकार की तलाश में निकलते हैं, जिससे ग्रामीण अक्सर इन्हें कुत्ते समझने की भूल कर बैठते हैं। वन विभाग के अनुसार, सियारों का यह झुंड रात में ही शिकार करता है, जिससे अब गांवों में भय का माहौल बन गया है। ग्रामीण प्रशासन से सियारों को पकड़ने की गुहार लगा रहे हैं ताकि कोई बड़ा हादसा टल सके।

वन विभाग की अपील

लोरमी वन विभाग के एसडीओ डीपी सूर्यवंशी ने बताया कि प्रभावित गांवों में मुनादी कराई जा रही है कि रात के समय कोई भी व्यक्ति घर से बाहर न निकले। वन विभाग की अलग-अलग टीमें गांवों में गश्त कर रही हैं। घायल ग्रामीणों के इलाज का खर्च वन विभाग उठाएगा और मुआवजा भी दिया जाएगा। फिलहाल घायलों को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।

एमसीबी जिले में भी दहशत

पिछले कुछ दिनों से मनेंद्रगढ़-भरतपुर-चिरमिरी जिले के हर्रा गांव में सियार की दहशत देखने को मिल रही है। यहां पर 4 महिलाओं पर सियारों के झुंड ने हमला किया था। वे जंगल में सरई तोड़ने गई थीं, इसी दौरान उन पर हमला किया गया। हालांकि वन विभाग ने पुष्टि नहीं की है कि हमला सियार ने किया था या लोमड़ी में।

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here