बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों के विरोध में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर 3 सितंबर को जिला कांग्रेस कमेटी (शहर/ग्रामीण) द्वारा काली पट्टी बांधकर एक दिवसीय मौन धरना दिया गया। धरने में प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, प्रदेश महामंत्री मलकीत सिंह गेन्दू, और जिला प्रभारी सुबोध हरितवाल विशेष रूप से उपस्थित रहे।
धरने का आयोजन प्रदेश में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ किया गया। कांग्रेस ने कहा कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार, छत्तीसगढ़ आज महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित राज्यों में से एक बन गया है। भाजपा के शासनकाल में केवल 9 महीनों में 3094 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 600 से अधिक मामले बलात्कार के हैं। सबसे चिंताजनक स्थिति बिलासपुर जिले की है, जहां अकेले 129 रेप के मामले दर्ज किए गए हैं। प्रदेश का ऐसा कोई जिला नहीं है जहां मासूम बच्चियों, किशोरियों, वयस्क और प्रौढ़ महिलाएं यौन अपराधों का शिकार न हुई हों।
धरने के दौरान प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार राज्य की कानून व्यवस्था पर नियंत्रण नहीं रख पा रही है और अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए आत्म-प्रशंसा में लगी है। प्रदेश की जनता को न्याय दिलाने और सोई हुई सरकार को जगाने के लिए यह मौन धरना आयोजित किया गया है। उन्होंने इस विकट स्थिति को देखते हुए प्रदेशभर में कानून व्यवस्था को बहाल करने की मांग की।
धरने में शहर और ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में कांग्रेसजन शामिल हुए। इसमें कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव, मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया, महापौर रामशरण यादव, सभापति शेख नजीरुद्दीन, पूर्व सांसद इंग्रिड मैकलाऊड, पूर्व विधायक शैलेष पांडेय, प्रवक्ता ऋषि पांडेय सहित अन्य नेताओं ने भाग लिया।
धरने में बिलासपुर के सिरगिट्टी, तिफरा, बेलतरा, सीपत, रतनपुर, कोटा, बेलगहना, मस्तूरी और बिल्हा क्षेत्रों से बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल थे। मौन धरने के दौरान कांग्रेस के युवा, महिला, और सेवादल के पदाधिकारियों सहित विभिन्न अनुषांगिक संगठनों ने अपनी एकजुटता दिखाई।