रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और पाटन विधायक, भूपेश बघेल ने देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को पत्र लिखते हुए अपने खिलाफ रची जा रही कथित साजिशों पर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि उन्हें जानबूझकर विभिन्न अपराधों में फंसाने की कोशिश की जा रही है और इसके पीछे राजनीतिक साजिश है। बघेल ने मांग की है कि इस मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की जाए।

कोयला परिवहन में अवैध वसूली का मामला

भूपेश बघेल ने अपने पत्र में कोयला परिवहन मामले का जिक्र किया। पत्र के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा इस मामले की जांच पिछले चार सालों से चल रही है, और इसमें कई व्यापारियों और अधिकारियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। बघेल ने आरोप लगाया कि सूर्यकांत तिवारी नामक कारोबारी को जबरन उनके खिलाफ बयान देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। तिवारी ने जेल से अदालत में आवेदन देकर बताया कि कैसे अधिकारियों द्वारा उन्हें धमकाया गया और उनसे बघेल की संलिप्तता स्वीकार करने को कहा गया।

महादेव ऐप प्रकरण और षड्यंत्र

भूपेश बघेल ने महादेव ऐप के नाम से चल रहे अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी के मामले का भी उल्लेख किया। बघेल ने कहा कि उनकी सरकार ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की थी, जिसमें 72 मामले दर्ज किए गए और करोड़ों रुपये जब्त किए गए थे। लेकिन इस मामले को भी राजनीतिक रंग देकर केंद्र सरकार और केंद्रीय एजेंसियों ने उन्हें बदनाम करने की कोशिश की। बघेल ने लिखा कि ईडी (ED) ने महादेव ऐप मामले में कई गिरफ्तारियां कीं और उनके करीबी लोगों के खिलाफ छापे मारे गए, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं मिला।

चुनावी फायदे के लिए रेड 

पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि उनके राजनीतिक सलाहकार और अन्य करीबी सहयोगियों के घर पर ईडी द्वारा छापेमारी की गई, और यह छापेमारी सिर्फ चुनावी लाभ के लिए की गई थी। ईडी ने जिन बयानों के आधार पर कार्रवाईयां कीं, उन बयानों को बाद में अदालत में हलफनामा देकर खारिज कर दिया गया। बघेल का दावा है कि इन बयानों का उद्देश्य उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करना और उन्हें बेवजह अपराधों में घसीटना था।

सूर्यकांत तिवारी का जेल में बयान

भूपेश बघेल के अनुसार, सूर्यकांत तिवारी ने अदालत में दिए अपने आवेदन में साफ-साफ लिखा है कि उनसे जेल में मिलने आए एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने उन्हें धमकाते हुए कहा कि अगर उन्होंने बघेल के खिलाफ बयान नहीं दिया, तो उनके परिवार को भी जेल भेज दिया जाएगा। इस घटना को लेकर बघेल ने गंभीर आपत्ति जताई और इसे एक पूर्वनियोजित साजिश बताया। उन्होंने इसे भारतीय संविधान और न्यायिक प्रक्रिया के खिलाफ बताया और इसकी भर्त्सना की है।

ईडी BJP  के इशारे पर काम कर रही

भूपेश बघेल ने पत्र में यह भी कहा है कि इन सारी घटनाओं का मुख्य उद्देश्य राजनीतिक लाभ उठाना था। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) और केंद्र सरकार के इशारे पर ईडी और अन्य एजेंसियां काम कर रही हैं। बघेल ने पत्र में कहा है कि उनके खिलाफ जो भी कार्रवाई की गई, वह एक सुनियोजित षडयंत्र का हिस्सा थी, जिसका उद्देश्य उन्हें और उनकी पार्टी को नुकसान पहुंचाना था।

असीम दास और शुभम सोनी प्रकरण

पत्र में एक और महत्वपूर्ण बिंदु था असीम दास और शुभम सोनी के बयान। असीम दास ने भी बाद में अपने बयान को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया है। इसी तरह, शुभम सोनी ने एक वीडियो जारी कर दावा किया कि महादेव ऐप के मालिक वही हैं, लेकिन बघेल ने इस दावे को एक राजनीतिक चाल बताया है।

CJI से न्याय की गुहार

भूपेश बघेल ने भारत के प्रधान न्यायाधीश को लिखे पत्र में इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी साजिशों को समय रहते नहीं रोका गया, तो यह राज्य के लिए गंभीर परिणाम लेकर आ सकती हैं। बघेल ने कहा कि वह हर जांच में सहयोग के लिए तैयार हैं, लेकिन जांच निष्पक्ष और राजनीतिक दबाव से मुक्त होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि उन्हें और उनके परिवार को इन साजिशों से व्यक्तिगत और राजनीतिक नुकसान पहुंचाया जा रहा है, और यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत है। बघेल ने अनुरोध किया कि इस मामले की उच्च-स्तरीय जांच हो और इसके पीछे के असली षड्यंत्रकारियों को बेनकाब किया जाए।

राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप

पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा है कि उन्हें छह बार विधायक चुना गया है और उन्होंने हमेशा संविधान का पालन किया है। लेकिन जिस तरह से उनके खिलाफ साजिशें रची जा रही हैं, उससे स्पष्ट है कि यह सब राजनीतिक प्रतिशोध के तहत हो रहा है। उनके राजनीतिक करियर को नुकसान पहुंचाने और उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की यह सारी कोशिशें किसी बड़े षड्यंत्र का हिस्सा हैं।

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