गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। मरवाही वन मंडल के गौरेला वन परिक्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के निर्माणाधीन रेस्ट हाउस में वन विभाग की टीम ने छापा मारकर बड़ी मात्रा में अवैध सागौन लकड़ी जब्त की है। वन विभाग को सूचना मिली थी कि पेंड्रारोड गुरुकुल के नए बन रहे रेस्ट हाउस में बिना किसी वैध दस्तावेज के सागौन की लकड़ी का उपयोग किया जा रहा है। मौके पर पहुंची टीम ने लकड़ी से बने दरवाजे, खिड़कियां, फाटक और अन्य फर्नीचर जब्त किए हैं।
संदिग्ध ठेकेदार संदिग्ध, अधिकारी गायब
वन विभाग की कार्रवाई के दौरान मौके पर लोक निर्माण विभाग का कोई भी अधिकारी, इंजीनियर या ठेकेदार मौजूद नहीं था। वे जांच टीम के बुलाने पर भी नहीं पहुंचे। वन विभाग का कहना है कि जब्त की गई सागौन की लकड़ी पूरी तरह से अवैध है और बिना किसी वैध दस्तावेजों के उपयोग की जा रही थी। छापामारी के दौरान लगभग 12 से 15 लाख रुपये की अवैध लकड़ी से बने दरवाजे और खिड़कियों का निर्माण होते पाया गया।
2.90 करोड़ रुपये से बन रहा रेस्ट हाउस
यह रेस्ट हाउस लगभग 2.90 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है, और इतनी बड़ी मात्रा में अवैध लकड़ी का उपयोग निर्माण कार्य में होना विभाग की लापरवाही को दर्शाता है। सवाल उठता है कि इतनी बड़ी मात्रा में लकड़ी का उपयोग हो रहा था, और फिर भी ईई, एसडीओ और इंजीनियर को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी?
रेंजर का ने कहा- अवैध सागौन लकड़ी की पुष्टि
गौरेला के रेंजर योगेश्वर प्रसाद बंजारे ने बताया कि कुल 4.8 घन मीटर लकड़ी जब्त की गई है, जिसमें से 3.4 घन मीटर लकड़ी से दरवाजे बनाए जा चुके थे। प्रथम दृष्टया यह सारी लकड़ी अवैध है। अब तक किसी ने भी इन लकड़ियों पर अपना दावा नहीं किया है, जिससे इसके अवैध होने की पुष्टि होती है।