बिलासपुर। बिलासा बाई केवट एयरपोर्ट के विस्तार को लेकर हाई कोर्ट के आदेश के बाद शहरवासियों और हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति के सदस्यों में जबरदस्त खुशी देखी जा रही है। समिति के महा धरने में जुटे लोगों ने इस महत्वपूर्ण निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि अब एयरपोर्ट के विस्तार में आने वाली बाधाएं समाप्त हो गई हैं, जिससे विकास की राह आसान हो गई है।
धरने में वक्ताओं ने रक्षा मंत्रालय से अपील की कि वह बिलासपुर एयरपोर्ट के विस्तार को व्यावसायिक नजरिए से न देखकर इसे वृहद जनहित के दृष्टिकोण से देखे। इसके साथ ही हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने केंद्र और राज्य सरकार से एयरपोर्ट के 4सी कैटेगरी में विस्तार के लिए एकमुश्त 200 करोड़ रुपए के अनुदान की मांग की है।
एयरपोर्ट विस्तार की आवश्यकता और हाईकोर्ट का आदेश
वर्तमान में बिलासा बाई केवट एयरपोर्ट 3सी श्रेणी में आता है, जहां 72 और 80 सीटों वाले छोटे विमान ही उड़ान भर सकते हैं। यहां की टर्मिनल बिल्डिंग छोटी है और रनवे की लंबाई मात्र 1500 मीटर है। जबकि बोइंग और एयरबस जैसे बड़े विमानों के संचालन के लिए कम से कम 2200 मीटर लंबा रनवे और 300 यात्रियों को एक साथ संभालने वाली टर्मिनल बिल्डिंग की आवश्यकता होती है। इसके बिना एयरपोर्ट का सही विकास और यात्रियों की संख्या में वृद्धि संभव नहीं हो पाएगी।
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वक्ताओं ने यह भी बताया कि बहुत से यात्री एटीआर विमानों में यात्रा करने से कतराते हैं, जबकि ये विमान सुरक्षित हैं। इसके बावजूद बोइंग और एयरबस जैसे बड़े विमानों की मांग ज्यादा होती है क्योंकि वे कम समय में लंबी दूरी तय कर लेते हैं। ऐसे विमानों के लिए एयरपोर्ट का 4सी श्रेणी में होना जरूरी है, जिसके लिए विस्तारित रनवे और बेहतर बुनियादी सुविधाओं की आवश्यकता है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में इसे लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है। जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की खंडपीठ ने शुक्रवार को बिलासपुर एयरपोर्ट के विस्तार के सबसे बड़े अवरोध, जमीन की उपलब्धता को लेकर अनिश्चितता को समाप्त कर दी है। कोर्ट ने कहा कि रक्षा मंत्रालय द्वारा सेना के कब्जे वाली जमीन पर एयरपोर्ट विस्तार की सहमति एक बार दी जाने के बाद उसे रद्द नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार के अधिवक्ताओं को निर्देश दिया कि यदि दोनों सरकारों के बीच कोई आपसी विवाद है, तो उसे जल्द सुलझाएं ताकि व्यापक जनहित से जुड़े इस प्रोजेक्ट में बाधा न आए। इससे पहले याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने कोर्ट को उन आदेशों का हवाला दिया, जिनके अनुसार रक्षा मंत्रालय ने पहले ही एयरपोर्ट विस्तार के लिए जमीन देने की अनुमति दी थी। अब केवल रनवे विस्तार का कार्य होना बाकी है, जिसके लिए 287 एकड़ जमीन आवश्यक है। हाईकोर्ट ने यह भी पाया कि पिछले 12 सालों से 1012 एकड़ की यह जमीन खाली पड़ी है और इसमें से 287 एकड़ जमीन रनवे विस्तार के लिए निर्धारित की गई है। इस विस्तार से रनवे की लंबाई 1500 मीटर से बढ़कर 2885 मीटर हो जाएगी, जिससे बड़े विमान जैसे बोइंग और एयरबस यहां उतर सकेंगे। इसके साथ ही बिलासपुर एयरपोर्ट को 4 सी आईएफआर का दर्जा मिलेगा।
महा धरने में प्रमुख लोग शामिल:
हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति का महा धरना शनिवार को जारी रहा, जिसमें रामशरण यादव, अनिल गुलहरे, मोहन जायसवाल, समीर अहमद, बद्री यादव, मनोज तिवारी, मोहसिन अली, महेश दुबे, देवेंद्र सिंह ठाकुर, रणजीत सिंह खनूजा, प्रकाश बहरानी, अखिल अली, आशुतोष शर्मा, मजहर खान, गजेंद्र श्रीवास्तव, विजय वर्मा, संतोष पीपलवा, चंद्रप्रकाश जायसवाल और सुदीप श्रीवास्तव सहित अन्य प्रमुख लोग शामिल रहे।