चीफ जस्टिस ने प्रदेश के सभी 23 जिला न्यायालयों का वर्चुअल निरीक्षण किया

बिलासपुर। राज्य में आयोजित तृतीय नेशनल लोक अदालत ने ऐतिहासिक सफलता दर्ज की है, जिसमें आठ लाख चौरासी हजार से अधिक प्रकरणों का निराकरण हुआ और 229 करोड़ रुपये से अधिक का अवार्ड पारित किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा ने राज्य के सभी 23 जिला एवं सत्र न्यायालयों से वर्चुअल माध्यम से जुड़कर लोक अदालत की कार्यवाहियों का निरीक्षण किया और प्रधान जिला न्यायाधीशों व पीठासीन अधिकारियों से संवाद किया।

मुख्य न्यायाधिपति ने बिलासपुर उच्च न्यायालय में गठित दोनों खण्डपीठों का दौरा कर लोक अदालत की कार्यवाहियों का जायजा लिया। उन्होंने अधिवक्ताओं और पक्षकारों से आग्रह किया कि वे अपने मामलों का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से करवाएं, ताकि त्वरित और सस्ता न्याय सुनिश्चित किया जा सके।

मुख्य न्यायाधिपति द्वारा 23 जिलों का वर्चुअल निरीक्षण न्यायालयीन कार्यों में आधुनिक तकनीक के उपयोग की परख हुई। यह पहल लोक अदालत के पीठासीन अधिकारियों, सदस्यों और पक्षकारों में विश्वास सृजित करने के साथ-साथ लोक अदालत की विश्वसनीयता और प्रमाणिकता को बढ़ावा देने में मददगार रही।

जस्टिस सिन्हा ने नेशनल लोक अदालत की तैयारियों पर सभी जिलों के प्रधान जिला न्यायाधीशों से निरंतर संवाद किया और उन्हें मार्गदर्शन प्रदान किया।   लोक अदालत की एक खास बात यह रही कि सुकमा जिले में बाढ़ के कारण पक्षकार जिला न्यायालय तक नहीं पहुंच पाए, तो उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जोड़कर प्रकरणों का निराकरण किया गया।

मुख्य न्यायाधिपति ने उच्च न्यायालय में गठित लोक अदालत की दोनों खण्डपीठों के पीठासीन अधिकारियों और सदस्यों के साथ-साथ राज्य के सभी प्रधान जिला न्यायाधीशों, राजस्व अधिकारियों, पुलिस प्रशासन, न्यायालयीन कर्मचारियों, पैरालीगल वॉलंटियर्स, अन्य विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों तथा सभी पक्षकारों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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