बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने गुरुवार को “प्रार्थना भवन” जल संसाधन विभाग, बिलासपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। यह आयोग की 263वीं और जिला स्तर पर 16वीं सुनवाई थी। इस जनसुनवाई में कुल 37 प्रकरणों पर सुनवाई की गई।
प्रमुख प्रकरण जो सुने गए-
सहायक मिट्टी परीक्षण अधिकारी का मामला: आवेदिका मंडी परिषद तोरवा में सहायक मिट्टी परीक्षण अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने एक दैनिक मजदूर को अनियमितता के कारण कार्य से हटा दिया था, जिसके बाद मजदूर यूनियन के अध्यक्ष ने आवेदिका को परेशान करना शुरू कर दिया। आयोग ने दोनों अनावेदकों को भविष्य में आवेदिका को परेशान न करने की चेतावनी दी और आवेदिका को अश्लील मैसेज भेजने वाले के खिलाफ साइबर क्राइम में शिकायत दर्ज कराने के निर्देश दिए।
2. आपसी सहमति से तलाक का मामला: पिछली सुनवाई में दोनों पक्षों में 5 लाख रुपये के एवज में आपसी सहमति से तलाक की बात तय हुई थी। अनावेदक ने 2 लाख रुपये का डीडी आवेदिका को सौंपा। शेष 3 लाख रुपये दो किश्तों में दिए जाएंगे और तलाक की प्रक्रिया बिलासपुर कुटुम्ब न्यायालय में शुरू की जाएगी।
जीवन निर्वाह भत्ता का मामला: आवेदिका और अनावेदक के बीच 2.50 लाख रुपये जीवन निर्वाह भत्ता देने का समझौता हुआ था। अनावेदक ने अब तक यह राशि नहीं दी है। आयोग ने अनावेदक को 30 सितंबर 2024 तक 1 लाख रुपये और एक महीने बाद शेष 1.50 लाख रुपये देने के निर्देश दिए। राशि न देने पर पेंशन रोकने की चेतावनी दी गई।
बैंक कर्मचारी का वेतन भुगतान मामला: आवेदिका ने बताया कि वह 2008 से एक बैंक में कार्यरत हैं और उनका 2 वर्ष 7 माह का वेतन बकाया है। बैंक समापक ने कहा कि बैंक की रिकवरी के बाद वेतन दिया जाएगा, लेकिन आयोग ने 2 महीने के भीतर 1,70,500 रुपये का भुगतान ब्याज सहित करने का निर्देश दिया।
दूसरी शादी का मामला: आवेदिका ने बताया कि उसका पति दूसरी शादी कर चुका है। अनावेदक ने यह स्वीकार किया और उनके बेटे ने अपनी माँ के साथ रहने की इच्छा जाहिर की। आयोग ने इस मामले की आगामी सुनवाई रायपुर में रखने का निर्णय लिया।
संपत्ति से बेदखल करने का मामला: आवेदिका ने कहा कि उसे और उसके पति को संपत्ति से बेदखल किया गया है। अनावेदक ने इसे स्वीकार किया। आयोग ने दोनों पक्षों को दस्तावेज के साथ अगली सुनवाई में उपस्थित होने का निर्देश दिया।
तलाक के बाद भी साथ रहने का मामला: उभयपक्ष 26 साल से अलग रह रहे हैं, लेकिन तलाक नहीं हुआ है। अनावेदक ने दूसरी शादी कर ली है और उनके दो बच्चे हैं। इस प्रकरण की सुनवाई रायपुर में 12 अगस्त 2024 को होगी।
धर्म परिवर्तन का मामला: आवेदिका ने बताया कि अनावेदक ने दूसरी शादी के लिए धर्म परिवर्तन किया था, जिसे उसने बाद में नकार दिया। आयोग ने दूसरी शादी के लिए धर्म परिवर्तन करने वाली महिला को नारी निकेतन भेजने का आदेश दिया।