बिलासपुर। डॉ. सीवी रमन विश्वविद्यालय में “स्वयं शिक्षण सामग्री के डिज़ाइन और विकास तथा ओडीएल शिक्षा” विषय पर आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला का सफल समापन हो गया। इस कार्यशाला में देशभर के विशेषज्ञों ने भाग लिया और विश्वविद्यालय के शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान किया।
कार्यशाला के दौरान प्रो. अरुण आर. जोशी (कुलपति, डॉ. सीवी रमन विश्वविद्यालय, खंडवा), प्रो. पूजा चतुर्वेदी (रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल), डॉ. अशुतोष भट्ट (उत्तराखंड ओपन विश्वविद्यालय), डॉ. सुमित प्रसाद (उत्तराखंड ओपन विश्वविद्यालय), और डॉ. पुष्कर दुबे (पं. सुंदरलाल शर्मा ओपन विश्वविद्यालय) ने अपने अनुभव साझा किए।
समापन कार्यक्रम में प्रो. अरुण आर. जोशी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के बाद उभरी बहुआयामी शैक्षिक दृष्टिकोणों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्वयं शिक्षण सामग्री (SLM) और कंटेंट राइटिंग पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। कार्यशाला में उन्होंने रिसर्च मेथोडोलॉजी, कंटेंट लेखन और नई शिक्षा नीति पर विस्तार से चर्चा की।
डॉ. अशुतोष भट्ट ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ओपन एजुकेशनल रिसोर्स (OER) के बदलते स्वरूप पर प्रकाश डाला। डॉ. सुमित प्रसाद ने मॉक, स्वयम् और वीडियो व्याख्यान जैसे विषयों पर चर्चा की। उन्होंने इस कार्यशाला को सार्थक बताते हुए कहा कि यह भविष्य की शिक्षा को नई दिशा देगा।
कार्यशाला के दौरान विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. अरविंद तिवारी ने दूरस्थ शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण स्वयं शिक्षण सामग्री के महत्व पर बल दिया। कार्यक्रम के निर्देशक डॉ. अभिषेक पाठक ने कहा कि ऐसे प्रशिक्षण भविष्य में भी आयोजित किए जाएंगे।
इस अवसर पर डॉ. अशुतोष भट्ट और डॉ. सुमित प्रसाद ने ओपन एंड डिस्टेंस एजुकेशन के शैक्षणिक ऑडिट के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर और संसाधनों का निरीक्षण किया। उन्होंने विश्वविद्यालय की शिक्षण सामग्री और गुणवत्ता की सराहना की।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।