बिलासपुर। जिला अस्पताल बिलासपुर और डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल रायपुर में मरीजों के इलाज में बरती जा रही गंभीर लापरवाहियों पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की।

सोमवार को हुई इस सुनवाई में हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव से शपथपत्र पर विस्तृत जवाब मांगा है। सुनवाई के दौरान यह सामने आया कि बिलासपुर जिला अस्पताल में कोविड महामारी के दौरान तीन ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए थे, लेकिन इनमें से दो प्लांट बंद पड़े हैं। इन प्लांटों के रखरखाव के लिए कोई प्रशिक्षित कर्मचारी नहीं होने के कारण इन्हें कंप्यूटर ऑपरेटरों और अप्रशिक्षित कर्मचारियों से संचालित कराया जा रहा है। इससे ऑक्सीजन की आपूर्ति में बाधा आ रही है और वर्तमान में बाहरी ऑक्सीजन सिलेंडरों से काम चलाया जा रहा है। विभिन्न अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के बावजूद, इन प्लांटों को फिर से चालू करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

इसी प्रकार, रायपुर के अंबेडकर अस्पताल के बारे में बताया गया कि रविवार को ओपीडी बंद रहती है, और आपातकालीन स्थितियों में डॉक्टर केवल कॉल पर ही उपलब्ध होते हैं। अस्पताल ज्यादातर मेडिकल स्टाफ के सहारे ही संचालित हो रहा है, जिससे मरीजों की देखभाल में भारी लापरवाही हो रही है।

हाईकोर्ट ने इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द स्थिति सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। अगली सुनवाई 30 सितंबर को निर्धारित की गई है।

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