बिलासपुर। सिम्स हॉस्पिटल में दवाओं के अभाव में मरीजों को हो रही परेशानी को लेकर सिम्स और मेडिकल सर्विस कार्पोरेशन की ओर से शपथ-पत्र दाखिल किए गए हैं।
हाईकोर्ट ने सिम्स में व्याप्त अव्यवस्थाओं को स्वतः संज्ञान लिया है। इस संबंध में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई थी कि सिम्स के पास दवाओं की खरीदी के लिए फंड तो है लेकिन डीन को केवल 50 हजार रुपये तक खर्च करने का अधिकार है। वहीं सीजी एमएससी की ओर मांग के अनुरूप दवाओं की आपूर्ति नहीं होती है। कई गंभीर बीमारियों की दवा नहीं मिलने के कारण सिम्स प्रबंधन ने 70 लाख रुपये तक दवा उधार में खरीद ली है।  इस पर हाईकोर्ट ने दोनों से अलग-अलग हलफनामा मांगा है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान दोनों का हलफनामा पेश किया गया। राज्य सरकार की ओर से उपस्थित महाधिवक्ता प्रशांत एन भारत ने कहा कि दोनों विभागों के बीच मतभेद को सुलझा लिया जाएगा। अब मार्च के दूसरे सप्ताह में मामले की अगली सुनवाई होगी, जिसमें दवाओं की आपूर्ति और उपलब्धता के संबंध में सरकार की ओर से जवाब दिया जाएगा।

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