बिलासपुर। साहित्य, कला, संस्कृति, शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र में पांच दशकों से निरंतर सक्रिय रहते हुए वैश्विक फलक पर विशिष्ट उपलब्धियाँ हासिल करने वाले विश्व रंग के निदेशक एवं रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे को प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय ‘भारत गौरव सम्मान– 2024’ से अलंकृत किया गया। चौबे को यह सम्मान लक्जमबर्ग पैलेस, फ्रांस सीनेट, पेरिस में आयोजित सम्मान समारोह में 5 जून को प्रदान किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि फ्रांस सीनेट के उपसभापति डोमिनिक थेफिल सहित सीनेट सदस्य फ्रेडरिक बुवाल, फ्रांस में भारत के काउंसलेट जनरल प्रवीण कुमार मिश्रा एवं महंत डॉ. नरेश पुरी गोस्वामी महाराज उपस्थित थे।
इस मौके पर चौबे की पुस्तक ‘घर बाहर’ एवं डॉ.जवाहर कर्णावट, निदेशक, टैगोर अंतरराष्ट्रीय हिंदी केंद्र, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की पुस्तक ‘विदेश में हिंदी पत्रकारिता ‘का भी विमोचन किया गया। ‘विश्व में हिंदी’ पुस्तक भी अतिथियों को भेंट की गई। समारोह को चौबे के साथ प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता अन्नू कपूर ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर जारी कॉफी टेबल बुक में चौबे की विशिष्ट उपलब्धियों का सचित्र वर्णन भी विस्तार से किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय संस्कृति युवा संस्थान द्वारा आयोजित इस समारोह में भारत के अलावा अमेरिका, इटली, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस आदि देशों के चुनिंदा भारतवंशियों को भी उनकी अप्रतिम उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। उल्लेखनीय है कि ‘भारत गौरव सम्मान’ अपने विशिष्ट कार्यों से विश्व भर में अपना अप्रतिम स्थान प्राप्त करने वाले भारतीयों को प्रदान किया जाता है। इससे पूर्व यह सम्मान भारत के विश्व प्रसिद्ध व्यक्तित्व श्रीश्री रविशंकर, नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी, पद्म भूषण विश्वमोहन भट्ट आदि को प्रदान किया जा चुका है।
प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय ‘भारत गौरव सम्मान –2024’ से सम्मानित होने पर संतोष चौबे को ‘विश्व रंग’ टैगोर अंतर्राष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव, विश्व रंग सचिवालय, टैगोर अंतरराष्ट्रीय हिंदी केन्द्र, प्रवासी भारतीय साहित्य एवं संस्कृति शोध केन्द्र, टैगोर विश्व कला एवं संस्कृति केंद्र, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, स्कोप ग्लोबल स्किल्स विश्वविद्यालय, डॉ. सी.वी. रामन विश्वविद्यालय, बिलासपुर, खंडवा, वैशाली, आईसेक्ट विश्वविद्यालय, हजारीबाग, आईसेक्ट पब्लिकेशन, वनमाली सृजन पीठ, समस्त वनमाली सृजन केंद्रों तथा साहित्य, कला संस्कृति की सहयोगी संस्थाओं ने बधाई दी।