बिलासपुर। शहर के दो प्रमुख मुक्तिधामों में तीन सालों से बंद पड़े गैस शवदाह गृह को निगम कमिश्नर अमित कुमार की पहल पर फिर से शुरू कर दिया गया है। पं. देवकीनंदन दीक्षित सरकंडा मुक्तिधाम और मधुबन मुक्तिधाम में स्थित इन शवदाह गृहों का संचालन अब दो सामाजिक संगठनों को सौंपा गया है।

सरकंडा मुक्तिधाम में स्थित गैस शवदाह गृह का संचालन जगमोहन सेवा समिति करेगी, जबकि मधुबन मुक्तिधाम के शवदाह गृह की जिम्मेदारी पंजाबी मानव सेवा समिति को दी गई है। आज सुबह निगम प्रशासन ने टेस्टिंग के बाद दोनों समितियों को गैस शवदाह गृह सौंप दिए हैं।

तीन साल पहले नगर निगम ने इन दोनों मुक्तिधामों में गैस आधारित शवदाह गृह स्थापित किया था, लेकिन इसके बावजूद इन्हें चालू नहीं किया जा सका था। कोरोना काल के दौरान जगह की कमी और अन्य समस्याओं के चलते इसकी आवश्यकता महसूस की गई थी। निगम कमिश्नर अमित कुमार के संज्ञान में आने के बाद इसमें आवश्यक सुधार कर इसे चालू किया गया।

गैस शवदाह गृह के संचालन से पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा। शवदाह के दौरान निकलने वाला धुआं मशीन के जरिए शुद्ध कर आसमान में छोड़ा जाएगा, जिससे वातावरण शुद्ध रहेगा। यह प्लांट पूरी तरह से इको फ्रेंडली है और कम लागत में अंतिम संस्कार की सुविधा भी प्रदान करेगा।

 

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