गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। मरवाही वन मंडल में चार दिन पूर्व संदिग्ध अवस्था में मिले भालू के शव की सूचना देने में देरी के कारण बीट गार्ड राकेश कुमार पंकज को निलंबित कर दिया गया है, जबकि डिप्टी रेंजर अश्वनी दुबे को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

कैसे मिली भालू की लाश?

भालू का शव मरवाही और मनेन्द्रगढ़ वन मंडल की सीमा में स्थित उषाड़ क्षेत्र के कक्ष क्रमांक 2034 में एक जलधारा की नाली में क्षत-विक्षत अवस्था में पाया गया था। शव की स्थिति को देखते हुए शिकार की आशंका जताई गई, जिसके बाद सुरक्षा के तहत 20 मीटर क्षेत्र को रस्सी से बांधकर प्रतिबंधित किया गया और वन अपराध प्रकरण पंजीबद्ध किया गया।

जांच में नहीं मिले शिकार के प्रमाण

वन विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए रायपुर से डॉग स्क्वायड की टीम को बुलाया। टीम ने घटना स्थल से करीब 2 किलोमीटर के दायरे में जांच की, लेकिन शिकार से संबंधित कोई सबूत नहीं मिला। पशु चिकित्सकों द्वारा किए गए शव परीक्षण में भालू के पंजे, नाखून और अन्य अंग सुरक्षित पाए गए।

मौत का कारण उम्रदराज होना

पशु चिकित्सकों की रिपोर्ट के अनुसार भालू की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई, क्योंकि वह अधिक उम्र का था। पंचनामा रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि शव जंगल के अंदर मिला, जो निकटतम गांव से 3-4 किलोमीटर दूर था।

डिप्टी रेंजर को शो कॉज नोटिस 

वन मंडलाधिकारी रौनक गोयल ने जानकारी देते हुए बताया कि पोस्टमार्टम के बाद भालू का दाह संस्कार विधिवत प्रक्रिया के तहत किया गया। साथ ही, घटना की जानकारी देने में हुई देरी को गंभीरता से लेते हुए बीट गार्ड राकेश कुमार पंकज को तत्काल निलंबित कर दिया गया, जबकि डिप्टी रेंजर अश्वनी दुबे को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

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