बिलासपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज पेश किए गए बजट को लेकर पूर्व विधायक शैलेश पांडे ने जमकर निशाना साधा है। उन्होंने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह बजट जनता के लिए राहत नहीं, बल्कि छलावा है। उन्होंने इसे राज्य की स्थापना के “25वें साल का 25 जुमला वाला बजट” करार दिया।
शैलेश पांडे ने कहा कि सरकार ने आम आदमी, गरीब, किसान, महिलाओं और युवाओं के लिए कोई ठोस प्रावधान नहीं किया। शिक्षा के क्षेत्र में भी सरकार ने कोई गंभीर प्रयास नहीं किया, जिससे प्रदेश के स्कूल और महाविद्यालयों के उन्नयन पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।
महिलाओं और युवाओं के लिए कुछ नहीं
पूर्व विधायक ने महिलाओं की सुरक्षा और रोजगार के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि सरकार के बजट में इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के मानदेय में वृद्धि न करने पर भी उन्होंने सरकार की आलोचना की।
नशाबंदी की बात, मगर शराब पर मेहरबानी!
राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए शैलेश पांडे ने कहा कि भाजपा सरकार नशाबंदी की बात तो करती है, लेकिन इस बजट में विदेशी शराब पर टैक्स घटा दिया गया है। उन्होंने आशंका जताई कि इससे प्रदेश में युवाओं के बीच नशे की लत बढ़ेगी और अपराध भी बढ़ सकते हैं।
बिलासपुर और अन्य जिलों की उपेक्षा
उन्होंने बिलासपुर जिले के विकास कार्यों की अनदेखी को लेकर भी नाराजगी जाहिर की। उनका कहना था कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में अरपा सौंदर्यीकरण के लिए बड़ी राशि आवंटित की गई थी, लेकिन इस बजट में इस परियोजना के लिए कुछ भी नहीं दिया गया।
बेरोजगारी और महंगाई पर कोई राहत नहीं
बेरोजगारी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सरकार ने पुलिस विभाग और अन्य सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। औद्योगिक क्षेत्र में भी कोई खास प्रावधान नहीं किया गया, जिससे श्रमिक वर्ग को राहत मिल सके।
“अमीर और अमीर, गरीब और गरीब होंगे”
शैलेश पांडे ने आरोप लगाया कि यह बजट अमीरों को और अमीर बनाने तथा गरीबों को और गरीब करने वाला है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को आम जनता की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए, न कि सिर्फ घोषणाओं तक सीमित रहना चाहिए।













