जांजगीर। दूसरे की जमीन को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपने नाम चढ़ाकर बेच देने के मामले में उप पंजीयक, दो तहसीलदार और तीन पटवारियों सहित 10 लोगों के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई है।
जानकारी के अनुसार बेलसरी, तखतपुर के संजय कुमा पांडेय (47 वर्ष) ने चांपा के समीप ग्राम कुरदा में निरंजन पांडेय से 15 डिसमिल जमीन खरीदी थी। इसका नामांतरण कराने के बाद उसने ऋण पुस्तिका भी तैयार कर ली थी। कुछ समय बाद उसे जानकारी मिली कि उसकी जमीन साहिल राज देवांगन के पास 15 लाख रुपये में बेची जा चुकी है। जमीन के मालिक ने जानकारी जुटाई तो पता चला कि कुरदा के संजय कुमार बरेठ नाम के व्यक्ति ने राजस्व व पंजीयन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन की बिक्री की है। आरोप के मुताबिक तत्कालीन पटवारी अरविंद साहू व तहसीलदार डीएस उइके की मदद से उसने फर्जी ऋण पुस्तिका और बी-1 खसरा तैयार करा लिया। भूमि की बिक्री के लिए पंचनामा और चौहद्दी का आदेश उसने तत्कालीन तहसीलदार सरस्वती बंजारे से प्राप्त कर लिया और एक अन्य पटवारी भूषण मरकाम से साठगांठ कर पंचनामा व फर्जी दस्तावेज तैयार करा लिया। इसमें दो गवाह संतोष देवांगन और अभय पांडेय के जरिये अपने को जमीन का मालिक प्रमाणित करा लिया और फिर जमीन बेच दी।
जमीन को फर्जीवाड़ा कर बेचे जाने की जानकारी मिलने पर संजय पांडेय ने चांपा थाने में तथा पुलिस अधिकारियों को शिकायत की लेकिन संजय बरेठ और राजस्व अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई। इसके बाद उन्होंने अदालत में परिवाद दायर किया। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।  चांपा थाने में विक्रेता संजय कुमार बरेठ, खरीददार साहिल देवांगन, गवाह संतोष देवांगन व अभय पांडेय, पटवारी अरविंद साहू, पटवारी युवराज पटेल, पटवारी भूषण मरकाम, चांपा के तत्कालीन तहसीलदार रहे डीएस उईके और तहसीलदार सरस्वती बंजारे, चांपा के उप पंजीयक रहे विजय कुमार दिडतुडुक के खिलाफ धारा 120 बी, 34, 467, 468, 469, 471 के तहत चांपा थाने में अपराध दर्ज किया गया है।  पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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