गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद गुरुवार को जनपद पंचायत गौरेला, पेंड्रा और मरवाही में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पदों के लिए मतदान हुआ। कांग्रेस ने पेंड्रा और मरवाही में जीत दर्ज की, जबकि गौरेला जनपद पंचायत भाजपा के खाते में गई।
गौरेला में टॉस से हुआ अध्यक्ष का चुनाव
गौरेला में अध्यक्ष पद के लिए भाजपा प्रत्याशी शिवनाथ बघेल और निर्दलीय यशोदा छत्रपाल पैंकरा के बीच मुकाबला बराबरी पर छूट गया। दोनों को आठ-आठ मत मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी को दस सदस्यों का समर्थन था। हालांकि, क्रॉस वोटिंग के कारण मुकाबला टाई हो गया और अंततः टॉस के जरिए भाजपा के शिवनाथ बघेल को विजयी घोषित किया गया।
उपाध्यक्ष पद पर जनपद क्षेत्र क्रमांक 13 से निर्वाचित गायत्री राठौर ने सविता राठौर को 9-7 से हराकर जीत दर्ज की। भाजपा की इस जीत के बाद कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला, और विजयी प्रत्याशियों का स्वागत फूल-मालाओं और मिठाइयों से किया गया।
पेंड्रा में कांग्रेस का दबदबा
जनपद पंचायत पेंड्रा में कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया।
अध्यक्ष पद पर अजीत हेमकुंवर श्याम विजयी रहे।
उपाध्यक्ष पद पर निशांत राजाशेखर तिवारी ने जीत हासिल की।
पीठासीन अधिकारी दिलेराम डाहिरे ने नवनिर्वाचित जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को प्रमाण पत्र प्रदान किया।
मरवाही में भी कांग्रेस ने लहराया परचम
मरवाही में सत्तारूढ़ दल का विधायक होने के बावजूद भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा।
- अध्यक्ष पद पर जानकी खुसरो ने किशमिश भानु को 11-9 के अंतर से हराया।
- उपाध्यक्ष पद के लिए अरविंद जायसवाल ने सिम्पी दिलीप साहू को 12-7 के अंतर से हराकर जीत दर्ज की। एक मत रिजेक्ट कर दिया गया।
चुनाव प्रक्रिया पीठासीन अधिकारी प्रफुल्ल रजक और सहायक अधिकारी प्रीति शर्मा की देखरेख में पूरी हुई।
कांग्रेस ने निकाली विजय रैली
मरवाही में कांग्रेस की जीत के बाद जनपद पंचायत से कांग्रेस भवन तक भव्य विजय रैली निकाली गई। फटाके फोड़े गए, मिठाइयां बांटी गईं और नवनिर्वाचित पदाधिकारियों का सम्मान किया गया। इस दौरान पूर्व विधायक डॉ. के. के. ध्रुव, ब्लॉक अध्यक्ष बेचू सिंह अहिरेश, अजय राय, शुभम पेन्द्रों, राकेश मसीह, सुरेंद्र कंवर समेत कई कांग्रेस कार्यकर्ता और ग्रामीण उपस्थित रहे।
राजनीतिक हलचल तेज
मरवाही में भाजपा की हार राजनीतिक चर्चाओं का विषय बनी हुई है। वहीं, गौरेला में टॉस के जरिए भाजपा की जीत ने चुनावी रोमांच को और बढ़ा दिया। अब देखना होगा कि इन परिणामों का असर क्षेत्र की राजनीति पर कैसा पड़ता है।