जगदलपुर। बस्तर के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में सबसे छोटी प्रजाति का माउस डियर ट्रैप कैमरे में कैद हुआ है। हिरण, सूअर और चूहे की मिश्रित शारीरिक संरचना वाला यह वन्य प्राणी सुबह से बहुत शर्मीला होता है, इसीलिए प्रायः यह रात में ही निकलता है। यह आमतौर पर दिन में दिखाई नहीं देता।

भारत में 12 प्रजातियों के हिरण पाए जाते हैं। माउस डियर को हिरण समूह का सबसे छोटा वन्य प्राणी माना जाता है। नमी वाले घनी झाड़ियों के बीच जंगलों में इसका बसेरा होता है। हिरण की एकमात्र ऐसी प्रजाति है जिसके सींग नहीं होते।
वन अधिकारियों का कहना है की जंगल में आगजनी की घटनाओं, अतिक्रमण और शिकार के कारण पूरे भारत में माउस डियर एक दुर्लभ प्राणी के रूप में देखा जा रहा है। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में वन्यजीवों के संरक्षण के लिए लगातार अभियान चल रहा है। माउस डियर का वैज्ञानिक नाम मोसीयोला इंडिका है। इसका वजन केवल 3 किलोग्राम होता है और लंबाई 57.5 सेंटीमीटर हो सकती है।
कांगेर घाटी में वन्य प्राणियों के विचरण पर निगाह रखने के लिए सैकड़ों ट्रैक कैमरे लगाए गए हैं। माउस डियर की यह वीडियो 29 मई की रात 2:20 बजे कैमरे में दर्ज हुई है।

 

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