तीन परिचितों से मदद ली, सभी गिरफ्तार
बिलासपुर। कटनी मार्ग पर कलमीटार स्टेशन के पास 27 मई को रेलवे ट्रैक पर मिले अज्ञात शव की शिनाख्ती के बाद पुलिस ने हत्या के आरोप में मृतक के ससुर, उसकी पत्नी और तीन सहयोगियों को गिरफ्तार किया है।
अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझने की जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने बताया कि 27 मई को रेल्वे स्टेशन कलमीटार के कर्मचारियों ने सूचना दी कि कलमीटार स्टेशन के पास ट्रैक में एक 30 वर्षीय पुरुष का शव पड़ा। है सूचना पर थाना कोटा से पुलिस मौके पर पहुंची। आसपास के ग्रामीण शव नहीं पहचान सके। शव के सिर के पीछे हिस्से में गंभीर चोट के निशान थे। पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने हत्या की आशंका को देखते हुए सीएसपी सहित कोटा थाना प्रभारी उत्तम साहू व एसीसीयू प्रभारी धर्मेंद्र वैष्णव को जांच का निर्देश दिया। मृतक के पास से एक कागज में मोबाइल नंबर मिला, जो मंगला चौक के एक रेस्टारेंट का होना पाया गया। रेस्टारेंट के मालिक ने बताया कि यह आदमी 3 दिन पहले यहां काम मांगने आया था। इस सूचना के बाद पुलिस ने शहर के मंगला व शहर के अन्य इलाकों के सीसीटीवी कैमरों की मदद से शिनाख्ती की कोशिश शुरू की। आखिरकार 31 मई को मंगला चौक के वंदना हॉस्पिटल के पास स्थित महावीर पैराडाइज होटल में मृतक युवक स्पष्ट रूप से कई बार आते-जाते दिखा। होटल के कर्मचारियों को फोटो दिखाकर उस युवक के बारे में पूछा गया। तब वहां की महिला कर्मचारी दुर्गा सिंगरौल ने बताया कि फोटो उसके पति योगेश्वर सिंगरौल की है। महिला से सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने हत्या का राज उगल दिया। उसने बताया कि वह अपने पति से 3 साल से अलग रहती थी क्योंकि वह उसके चरित्र को लेकर शंका करता था। वह होटल आकर बार-बार उसे प्रताड़ित व मारपीट करता था। तंग आकर उसने इस समय डबरीपारा सरकंडा में रह रहे अपने पिता को रामअवतार सिंगरौल को फोन कर बताया और उसे पति को हमेशा के लिए रास्ते से हटाने के लिए तैयार किया। घटना के दिन रामअवतार अपने दो साथियों विनोद सिंगरौल व लखन साहू के साथ आया। उन्हें वे मारपीट करते हुए हाथ पैर बांधकर मोटरसाइकिल से मोछ गांव ले गए। वहां भी बेरहमी से मारपीट की। इसके बाद उन्होंने तिफरा निवासी अपने परिचित लाल उर्फ विशंभर लोनिया को बुलाया। दो बाइक में चारों लोग उसे हत्या की नीयत से कलमीटार स्टेशन के पास ट्रैक पर ले गए। वहां भी उसके साथ मारपीट की, जिसके बाद योगेश्वर सिंगरौल वहीं गिर गया। रामअवतार ने एक बड़ा पत्थर उठाकर योगेश्वर के सिर पर दे मारा, जिससे उसकी वहीं मौत हो गई। इसके बाद शव को घसीटकर उन्होंने ट्रैक पर रख दिया और मौके से भाग गए। रेलवे ट्रैक पर उन्होंने लाश इसलिए फेंकी ताकि इसे आत्महत्या या दुर्घटना मान लिया जाए। इसके बाद ट्रेन के ड्राइवर ने शव को देखकर ट्रेन रोक दी और पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने खून से सना पत्थर और घटना में इस्तेमाल की गई दोनों मोटरसाइकिल जब्त की है। मोछ के रहने वाले रामअवतार सिंगरौल (55 वर्ष), दुर्गा सिंगरौल (25 वर्ष), मोछ के ही लखनलाल साहू (40 वर्ष), तथा मोछ के पास खैरी ग्राम के विनोद सिंगरौल (47 वर्ष) को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।