छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सदस्य रंजीत रंजन ने राज्यसभा में कहा कि सरकार और विभाग के मंत्री प्रह्लाद जोशी ‘पीएम सूर्य घर बिजली योजना‘ को मुफ्त बताकर देश की जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना में वास्तव में सिर्फ लगभग 50 प्रतिशत छूट है और ब्याज भी देना पड़ता है। रंजीत रंजन ने सरकार से वस्तुस्थिति के बारे में स्पष्ट जवाब देने की मांग की।
योजना के ब्याज दर पर सवाल
रंजीत रंजन ने राज्यसभा में प्रश्न उठाया कि क्या यह योजना वास्तव में मुफ्त है या फिर इसमें 50 प्रतिशत छूट के साथ 7 प्रतिशत ब्याज भी वसूला जा रहा है। उन्होंने नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी पर संसद और जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि मंत्री ने उनके सवाल के जवाब में सही तथ्य पेश नहीं किए। बजट में भी गलत दावा किया गया है।
बजट की चर्चा के दौरान ‘पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना‘ पर पूछे गए सवाल के जवाब में मंत्री प्रह्लाद जोशी ने योजना की सही स्थिति स्पष्ट नहीं की। रंजीत रंजन ने इस योजना को मुफ्त बताने पर आपत्ति जताई और कहा कि इसमें सिर्फ 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है, जो इसे मुफ्त नहीं बनाती है।
गरीबों पर ब्याज का बोझ
रंजीत रंजन ने कहा कि 300 यूनिट बिजली खपत करने पर दी जाने वाली छूट से गरीब व्यक्ति को कोई राहत नहीं मिल रही है, क्योंकि उन्हें ब्याज के रूप में रूपये चुकाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सोलर पैनल की लागत लगभग 50 से 60 हजार रुपये है, जिसमें 50 प्रतिशत सब्सिडी के बाद भी गरीब व्यक्ति को 7 प्रतिशत ब्याज के रूप में 4500 से 5000 रुपये देने पड़ते हैं। उन्होंने पूछा कि यह बिजली मुफ्त कैसे हो सकती है जब गरीबों को इतनी बड़ी राशि ब्याज के रूप में चुकानी पड़ती है।