दंतेवाड़ा। जिले में हुए एक नक्सली हमले में डीआरजी के 10 जवानों की मौत हो गई। यह हमला आईईडी ब्लास्ट करके किया गया है जिसमें जवानों की गाड़ी को उड़ा दिया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया और कहा कि नक्सलियों को बख्शा नहीं जाएगा।
पिछले हफ्ते नक्सलियों ने एक पत्र जारी किया था जिसमें उन्होंने सुरक्षाबलों पर हमला करने की धमकी दी थी। इस समय नक्सली टेक्निकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन (टीसीओसी) चला रहे हैं। फरवरी से जून माह तक चलने वाले इस अभियान के दौरान वे कई गंभीर घटनाओं को अंजाम देते रहे हैं। इसके चलते बस्तर में सुरक्षा बल विशेष सर्चिंग अभियान भी चला रहा है और अलर्ट मोड में है। 5 दिन पहले सुकमा जिले में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों की टीम को ध्वस्त करके भारी मात्रा में विस्फोटक और नक्सलियों के दैनिक इस्तेमाल के सामान बरामद किए थे। इस बीच कैंप में मौजूद करीब दो दर्जन से ज्यादा नक्सली मौका पाकर भाग खड़े हुए थे।
बुधवार को दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर में यह हमला डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड डीआरजी की टीम पर तब किया गया, जब वह बारिश में फंसे सुरक्षा बलों को रेस्क्यू करने के लिए गए थे। इस दौरान ब्लास्ट करके जवानों के वाहन को उड़ा दिया गया।
इस हमले में शहीद होने वालों में प्रधान आरक्षक जोगा सोढी, मुन्ना राम कड़ती, संतोष तामो, नव आरक्षक दुर्गा मंडावी, लखमू मरकाम, जोगा कवासी, हरिराम मंडावी, गोपनीय सैनिक राजू राम कर्टम, जयराम पोड़ियाम, जगदीश कवासी और ड्राइवर धनीराम यादव शामिल हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घटना पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई अंतिम दौर में है। इसी हताशा में वे इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। नक्सलियों को किसी सूरत में छोड़ा नहीं जाएगा। योजनाबद्ध तरीके से रणनीति बनाकर नक्सलवाद को समाप्त करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी घटना पर दुख जताया और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
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