बिलासपुर। द मिलादुन्नबी पर फिलिस्तीन का झंडा विवाद मामले में गिरफ्तार पांचों आरोपियों को जमानत दे दी गई है। इससे पहले, देर शाम को रिहाई के लिए प्रदर्शनकारियों ने कलेक्ट्रेट का घेराव कर चक्काजाम कर दिया था, जिसमें महिलाओं की बड़ी संख्या थी। इसके बाद, सिटी मजिस्ट्रेट के दफ्तर में रात साढ़े 10 बजे सुनवाई की गई और बेल ऑर्डर जारी किया गया।
अधिवक्ता, सामाजिक कार्यकर्ता प्रियंका शुक्ला नेआरोपियों की जमानत के लिए पैरवी की। उन्होंने बताया कि मंगलवार शाम को 25 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी गई थी, पर सिटी मजिस्ट्रेट ने प्रत्येक आरोपी के लिए अलग-अलग 25 हजार रुपये का बांड भरने का आदेश दिया। बांड भरने के लिए हमने समय मांगा गया, लेकिन सिटी मजिस्ट्रेट बिना सुने उठकर चले गए। आरोपी जेल भेज दिए गए। बुधवार को पूरा दिन आरोपी पक्ष उनके आने का इंतजार करता रहा।
प्रियंका शुक्ला ने बताया कि इस रवैये से गुस्साए परिजन और समुदाय के लोगों ने कलेक्ट्रेट का घेराव कर दिया और चक्काजाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि मामले की सुनवाई तुरंत हो, जिससे प्रशासन को हरकत में आना पड़ा और रात में ही सुनवाई की गई।
प्रियंका शुक्ला ने आरोप लगाया कि फिलिस्तीन के झंडे के मामले में हिंदू संगठनों ने पुलिस प्रशासन पर दबाव डालकर कार्रवाई करवाई है। असल में वहां कोई झंडा फहराया नहीं गया था, बल्कि तोरण में झंडे की प्रतिकृति का इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने कहा कि धर्म विशेष को निशाना बनाकर शहर में विवाद की स्थिति पैदा की जा रही है। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से शहर का माहौल खराब करने वालों के खिलाफ उन्होंने सख्त कदम उठाने की अपील की।
जमानत पाने वाले आरोपी:
- शेख समीर बख्श, निवासी तारबाहर
- फीदेल खान, निवासी तारबाहर
- मोहम्मद शोएब, निवासी तारबाहर
- शेख अजीम, निवासी तारबाहर
- शेख समीर, निवासी तारबाहर