बेंगलूरु। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को वंदे भारत स्लीपर कोच का प्रोटोटाइप बीईएमएल (भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड) के परिसर में अनावरण किया। इस अवसर पर उन्होंने एक नई वंदे भारत निर्माण सुविधा का शिलान्यास भी किया। मंत्री ने बताया कि स्लीपर कोच का परीक्षण अगले दस दिनों तक किया जाएगा और फिर इसे ट्रैक पर परीक्षण के लिए भेजा जाएगा। वैष्णव ने बताया कि यह ट्रेन तीन महीने के भीतर यात्रियों के लिए सेवा में उपलब्ध हो सकती है।
वंदे भारत स्लीपर कोच का निर्माण पूर्ण
मंत्री वैष्णव ने कहा, “आज हम एक महत्वपूर्ण यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं। वंदे भारत चेयर कार की सफलता के बाद, वंदे भारत स्लीपर के निर्माण और डिजाइन पर काम किया गया है, जिसका अब निर्माण पूरा हो चुका है। कुछ ही दिनों में वंदे भारत स्लीपर कोच परीक्षण के लिए बीईएमएल फैक्ट्री से बाहर भेजे जाएंगे।”
प्रधानमंत्री ने किया था तीन नए संस्करणों का उद्घाटन
31 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तीन नए वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का उद्घाटन किया। ये नई सेमी-हाई-स्पीड ट्रेनें उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक के प्रमुख मार्गों पर कनेक्टिविटी को बढ़ावा देंगी। इन ट्रेनों में मेरठ-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस, मदुरै-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस और चेन्नई-नगरकोइल वंदे भारत एक्सप्रेस शामिल हैं।
वंदे भारत के विविध संस्करण
वंदे भारत ट्रेनें तीन संस्करणों में उपलब्ध होंगी: चेयर कार, स्लीपर और मेट्रो। अब तक, सरकार ने चेयर कार संस्करण का शुभारंभ किया है। यह स्वदेशी ट्रेन यात्रियों को लंबी दूरी की यात्रा के लिए स्लीपर बर्थ का अनुभव प्रदान करेगी।
रेलवे मंत्री ने बताया कि वंदे भारत स्लीपर कोच को खास ध्यान रखते हुए डिजाइन किया गया है, जिसमें ट्रेन के लोको पायलट, रखरखाव कर्मियों और विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों की आवश्यकताओं का ध्यान रखा गया है। परीक्षण की प्रक्रिया अगले एक से दो महीने तक चलेगी और इसके बाद लगभग तीन महीने में सेवा शुरू होने की संभावना है।