बिलासपुर। रायपुर से दिल्ली जा रही फ्लाइट के एक यात्री के बैग में चाकू मिलने की घटना पर हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि “एविएशन सेक्टर में कोई भी गलती क्षम्य नहीं है।”

कोर्ट ने सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (CISF) के जवान द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए उसे दी गई सजा को सही ठहराया। जवान पर आरोप था कि उसकी चूक के कारण चाकू के साथ एक यात्री फ्लाइट में प्रवेश कर गया था।

यह मामला 12 सितंबर 2012 का है, जब उत्तर प्रदेश के अमरोहा निवासी CISF जवान रजनीश कुमार सिंह की तैनाती रायपुर के विवेकानंद एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग ड्यूटी पर थी। दोपहर से रात 9 बजे तक की ड्यूटी के दौरान वह एक यात्री एचएस मित्रा के बैग में रखे चाकू को स्कैन करने में चूक गए, जिसके कारण वह चाकू फ्लाइट तक पहुंच गया। उड़ान के दौरान क्रू मेंबर ने चाकू को देखा और जब्त कर लिया। इसके बाद दिल्ली एयरपोर्ट पर सुरक्षा एजेंसियों को सौंपा गया।

इस घटना की जांच के बाद, CISF के उच्चाधिकारियों ने रजनीश कुमार सिंह को एक इंक्रीमेंट रोकने की सजा दी। जवान ने इस फैसले के खिलाफ पहले विभागीय अपील की, फिर पुनरीक्षण आवेदन किया, लेकिन दोनों ही खारिज हो गए। इसके बाद उन्होंने 2016 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने तर्क दिया कि गवाहों के बयान अस्पष्ट थे और बैग का इमेज उड़ान भरने के कई घंटे बाद प्राप्त किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि अन्य कर्मचारी भी स्कैनिंग प्रक्रिया में शामिल थे, इसलिए उन्हें अकेले दोषी ठहराना अनुचित था।

हालांकि, हाईकोर्ट ने उनके सभी तर्कों को खारिज करते हुए यह स्पष्ट किया कि एविएशन सेक्टर में सुरक्षा से जुड़ी किसी भी चूक को हल्के में नहीं लिया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि जवान की लापरवाही गंभीर थी और उसे दी गई सजा उचित थी।

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