बिलासपुर। एसईसीएल (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) ने इस साल विशेष अभियान 4.0 के अंतर्गत 2200 मेट्रिक टन स्क्रैप हटाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिससे लगभग 30 लाख वर्ग फुट जगह खाली होगी। इस स्थान का पुनः उपयोग किया जाएगा, जिससे कंपनी को 10 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है। यह अभियान 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक चलेगा।
डिजिटल गवर्नेंस और लंबित मामले
इस अभियान के दौरान एसईसीएल डिजिटल गवर्नेंस पर विशेष जोर दे रही है। ई-फाइलिंग के माध्यम से लंबित फाइलों, शिकायतों और मामलों का त्वरित निपटारा करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे कंपनी की प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ेगी।
स्वच्छता ही सेवा अभियान
अभियान के पहले चरण में, 14 सितंबर से 2 अक्टूबर तक “स्वच्छता ही सेवा” के अंतर्गत विभिन्न सफाई अभियान आयोजित किए गए। इसमें विशेष रूप से नदियों की सफाई और बच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए स्वच्छता पाठशाला और नुक्कड़ नाटकों का आयोजन किया गया।
सार्वजनिक शिकायतों का समाधान
अभियान के तहत एसईसीएल ने सार्वजनिक शिकायतों के निपटारे को प्राथमिकता दी है। लंबित शिकायतों की पहचान कर उन्हें सुलझाने के लिए तेजी से कार्रवाई की जा रही है।
पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी
एसईसीएल ने इस बार 2200 मेट्रिक टन स्क्रैप हटाने की योजना बनाई है। इससे खाली हुई जगह का बेहतर उपयोग किया जाएगा और इससे न केवल परिचालन में सुधार होगा, बल्कि पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी भी निभाई जाएगी।
एसईसीएल दूसरी सबसे बड़ी कोल कंपनी
एसईसीएल भारत की दूसरी सबसे बड़ी कोयला कंपनियों में से एक है, जो छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में 60 से अधिक कोयला खदानों का संचालन करती है। इसके अलावा, कंपनी कोरबा जिले में दुनिया की दो सबसे बड़ी कोयला खदानों – गेवरा और कुसमुंडा का भी प्रबंधन करती है।