बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका को निराकृत करते हुए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के सीनियर डीसीएम को आदेश दिया है कि कोयला परिवहन के दौरान रेलवे बोर्ड की गाइडलाइन के मुताबिक वैगनों को तारपोलिन से ढक कर रखा जाए।
रेलवे श्रमिक यूनियन की ओर से एक जनहित याचिका दायर कर हाईकोर्ट में बताया गया था कि एसईसीआर की कोयला लोड वैगनों को ढंका नहीं जाता है, जिसके चलते डस्ट उड़ती है। इसका करीब 7 किलोमीटर तक के क्षेत्र में पर्यावरण प्रदूषित होता है जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। कई निजी कंपनियों के कोयला वैगन तारपोलिन से ढके होते हैं, मगर खुद रेलवे अपनी वैगनों में इस नियम का पालन नहीं करता।
मामले में हाईकोर्ट ने रेलवे बोर्ड, एसईसीआर तथा पर्यावरण मंडल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। एसईसीआर के सीनियर डीसीएम की ओर दिए गए शपथ-पत्र में स्वीकार किया गया कि पर्यावरण मंत्रालय के निर्देश के पालन में रेलवे बोर्ड ने सन् 2019 में इस संबंध में गाइडलाइन जारी किया था, जिसके तहत कोयला लोड वैगनों का परिवहन तारपोलिन से ढक कर किया जाना अनिवार्य है। हाईकोर्ट ने उक्त गाइडलाइन का पूरी तरह का पालन किया जाए। हाईकोर्ट ने याचिका निराकृत कर दी है।

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