चुनाव आयोग ने रविवार को कांग्रेस नेता जयराम रमेश से उनके इस दावे पर तथ्यात्मक जानकारी मांगी कि गृह मंत्री अमित शाह ने 4 जून को होने वाली लोकसभा चुनाव की मतगणना से पहले 150 जिलाधिकारियों और कलेक्टरों को फोन किया है।
रमेश को लिखे पत्र में चुनाव आयोग ने उनसे रविवार शाम सात बजे तक अपने दावे का ब्यौरा साझा करने को कहा है।

चुनाव आयोग ने एक जून को एक्स पर किए गए उनके पोस्ट का हवाला दिया जिसमें उन्होंने दावा किया था कि “निवर्तमान गृह मंत्री डीएम/कलेक्टरों को फोन कर रहे हैं। अब तक, उन्होंने उनमें से 150 से बात की है। यह स्पष्ट और बेशर्मी से की गई धमकी है, जो दिखाती है कि भाजपा कितनी हताश है। यह बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए। लोगों की इच्छा प्रबल होगी और 4 जून को मोदी, शाह और भाजपा बाहर हो जाएंगे, और INDIA alliance विजयी होगा। अधिकारियों को किसी भी दबाव में नहीं आना चाहिए और संविधान को बनाए रखना चाहिए। वे निगरानी में हैं।”
इस पोस्ट को लेकर कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश को लिखे पत्र में चुनाव आयोग ने कहा है कि “मतों की गिनती की प्रक्रिया प्रत्येक रिटर्निंग ऑफिसर पर डाला गया एक पवित्र कर्तव्य है। एक वरिष्ठ, जिम्मेदार और अनुभवी नेता द्वारा इस तरह के सार्वजनिक बयान संदेह का तत्व पैदा करते हैं और इसलिए, व्यापक जनहित में इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।”
पत्र में कहा गया है, “हालांकि, किसी भी डीएम ने किसी भी अनुचित प्रभाव डालने की सूचना नहीं दी है, लेकिन चुनाव आयोग ने जयराम रमेश से 150 डीएम के विवरण और जानकारी मांगी है, जिन्हें अमित शाह ने प्रभावित किया है, जैसा कि रमेश ने आरोप लगाया है।”

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