सुप्रीम कोर्ट जज प्रशांत मिश्रा का अधिवक्ता संघ ने किया अभिनंदन

बिलासपुर। सुप्रीम कोर्ट जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने कहा कि बिलासपुर मेरी कर्मभूमि है मुझे जो भी मिला यही से मिला है। इस माटी का कर्ज मैं कभी चुका नहीं सकता।
जिला अधिवक्ता संघ की ओर से जस्टिस मिश्रा की सुप्रीम कोर्ट में जज के रूप में नियुक्ति होने पर अभिनंदन समारोह 8 जून की शाम को रखा गया था। अपने अभिनंदन के लिए आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि 16 मई 2023 को जब सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने उनके नाम की अनुशंसा केंद्र से की तो एक सुखद अनुभूति हुई। राज्य के साथ देश की जनता को भी उनसे बेहतर करने की उम्मीद है। वे इसे पूरा करने की हर संभव कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि हम जहां भी रहें अपने स्तर पर बेहतर काम करें। व्यक्तिगत लाभ नहीं बल्कि जनहित और समाज के बारे में सोचें। जस्टिस के रूप में मेरा न्यायदान बेहतर हो, इसका प्रयास करेंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता हाई कोर्ट के जस्टिस संजय अग्रवाल ने की। उन्होंने कहा कि जस्टिस मिश्रा छत्तीसगढ़ के बार से सुप्रीम कोर्ट के जज तक पहुंचने वाले पहले न्यायाधिपति हैं। यह सब हमारे लिए गौरव का विषय है। यह उनके अथक परिश्रम से ही संभव हुआ है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर जस्टिस संजय के अग्रवाल, जस्टिस पार्थ प्रतिम साहू, जस्टिस नरेंद्र व्यास, जस्टिस नरेश चंद्रवंशी, जस्टिस दीपक तिवारी, जस्टिस सचिन सिंह राजपूत एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश अशोक साहू उपस्थित थे।
जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष चंद्रशेखर बाजपेयी ने स्वागत भाषण दिया और आभार प्रदर्शन सचिव मनोज पाठक ने दिया।
कार्यक्रम में पूर्व सांसद व वरिष्ठ अधिवक्ता गोविंद राम मिरी, निर्मल शुक्ला, विवेक रंजन तिवारी, अनिल सिंह चौहान, विवेक रंजन तिवारी, हर्ष बनाफर, सुरेश पांडे आदि उपस्थित थे।
पहले दिन ही फोन सीज हो गया
छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद 3 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। तब अधिवक्ता के रूप में पहले केस में जस्टिस प्रशांत मिश्रा उपस्थित हुए। सख्त हिदायत दी गई थी कि कोर्ट के भीतर मोबाइल फोन बंद रखना है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का पहला दिन, पहला केस और जेब में रखा उनका मोबाइल फोन जिरह के दौरान बज उठा। उनका फोन सीज हो गया। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में काम शुरू होने की खबर के साथ-साथ देश प्रदेश के अखबारों में यह खबर भी छप गई। जबलपुर, इंदौर, रांची, रायगढ़ सभी जगहों से उनके जान पहचान वालों के फोन आने लगे। जस्टिस मिश्रा ने कहा कि उस घटना को उन्होंने पॉजिटिव लिया। उन्होंने लोगों से कहा कि समझ लीजिए यह मेरे जबलपुर से बिलासपुर आकर प्रैक्टिस शुरू करने की ख​​बर है, जो आपको मिल गई। जस्टिस मिश्रा ने कहा कि जीवन एक ऐसा गणित है जिसमें दो और दो चार नहीं होते। यदि आपने मन से काम किया तो आपको 4 से भी ज्यादा मिलेगा।

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