बिलासपुर। लीज की अवधि खत्म होने के दस साल बाद अब मिशन हास्पिटल परिसर फिर से नगर निगम के आधिपत्य में आ जाएगा। हाईकोर्ट ने अस्पताल प्रबंधन की बेदखली की नोटिस के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है।

शहर के मध्य हजारों वर्गफीट में फैली मिशन अस्पताल परिसर की बेशकीमती जमीन नगर निगम की प्रॉपर्टी है। इसे सन् 1885 में स्वास्थ्य सेवा के लिए 99 साल की लीज पर दिया गया। उसके बाद लीज की अवधि का विस्तार 2014 तक किया गया। 10 वर्ष पहले उसकी लीज की अवधि समाप्त हो चुकी है। इसके बाद लीज का नवीनीकरण नहीं किया गया है।

बिलासपुर में स्थित मिशन अस्पताल पर जिला प्रशासन के कब्जे का रास्ता अब पूरी तरह से साफ हो गया है। नजूल शाखा और नगर निगम द्वारा जारी किए गए बेदखली नोटिस के खिलाफ दायर याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। अदालत ने नोटिस पर रोक लगाने की मांग को भी अस्वीकार कर दिया है।

लीज नवीनीकरण के आवेदन को नजूल न्यायालय ने एक बार फिर 2024 में खारिज कर दिया। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया और स्थगन आदेश जारी करने से भी इंकार कर दिया।

अस्पताल प्रबंधन पर यह भी आरोप है कि चैरेटी के लिए दी गई जमीन का उपयोग उन्होंने किराए पर देकर आय का साधन बना लिया है, और होटल सहित अन्य व्यावसायिक गतिविधियों के लिए जमीन का इस्तेमाल किया जा रहा है।

कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर नगर निगम ने मिशन अस्पताल प्रबंधन को परिसर खाली करने का नोटिस जारी किया था। इस नोटिस में सात दिन की मोहलत दी गई थी, जिसका अंतिम दिन 19 अगस्त ही था।

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