बिलासपुर। जिले के सीपत में महुआ शराब की तस्करी के आरोप में जनवरी में गिरफ्तार किए गए श्रवण सूर्यवंशी की मौत सिर में चोट लगने से हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसकी पुष्टि होने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। हालांकि जेल प्रशासन की भूमिका भी संदिग्ध है। मौत के समय ही परिजनों ने आरोप लगाया था कि मृतक से रुपये की मांग की गई थी, नहीं मिलने पर उसकी बेरहमी से पिटाई की गई थी।

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के मोहरा गांव के निवासी श्रवण सूर्यवंशी (34) को महुआ शराब की तस्करी के आरोप में 18 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने उसके पास से आठ लीटर महुआ शराब जब्त की थी। गिरफ्तारी के बाद उसे जेल भेजा गया, जहां उसकी तबीयत बिगड़ने लगी।

जेल प्रशासन ने श्रवण की तबीयत खराब होने पर 19 जनवरी को उसे सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया । उपचार के बाद उसे वापस जेल लाया गया, लेकिन 20 जनवरी को उसे दोबारा सिम्स में भर्ती कराया गया, जहां 21 जनवरी को उसकी मौत हो गई।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में श्रवण के सिर पर चोट और हाथ पर काले निशान पाए गए हैं। परिवार ने मौत के बाद ही आरोप लगाया था कि पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद थाने में श्रवण के साथ मारपीट की थी, क्योंकि उसने पुलिसकर्मियों द्वारा मांगे गए रुपये देने से इनकार कर दिया था। इस आरोप को पुलिस ने खारिज किया था, लेकिन मामले की जांच जारी है।

जेल प्रशासन का कहना है कि श्रवण को जब जेल लाया गया था, तब उसके सिर पर चोट लगी हुई थी। किसी भी गिरफ्तार व्यक्ति को जेल दाखिल कराने के दौरान उसकी मेडिकल जांच कराई जाती है। चोट लगने की स्थिति में पहले उसका इलाज कराया जाता है, फिर जेल में उसे लिया जाता है। इस मामले में जेल में दाखिल करने के अगले दिन उसे अस्पताल भेजा गया। इस बात की पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है कि चोट थाने में लगी थी या जेल में।

इस संदिग्ध मौत ने पुलिस विभाग में हड़कंप मचा दिया है, और परिवार न्याय की मांग कर रहा है। अब यह देखना होगा कि जांच में क्या सच्चाई सामने आती है और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है।

 

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