बढ़ती मानव गतिविधियों पर रोक लगे तो मोहनभाठा पक्षी विहार के लिए अनुकूल जगह

बिलासपुर। अचानकमार अभयारण्य के रास्ते पर पड़ने वाले कोटा के समीप मोहनभाठा में इन दिनों विविध प्रकार के देशी और प्रवासी पक्षियों ने डेरा डाल रखा है। इनमें से एक दुनिया का सबसे तेज माना जाने वाला शाहीन बाज शायद पहली बार यहां देखा गया। वाइल्डलाइफ फोटोग्रॉफी में रूचि रखने वाले रिटायर्ड एडिशनल एसपी नरेंद्र वर्मा ने यह तस्वीर क्लिक की है।

गति के साथ-साथ दृष्टि भी तेज 

शाहीन बाज़ ( फालको पेरेग्रिनस ) पेरग्रिन बाज़ की उप प्रजाति है। इसकी उड़ान की गति बेहद प्रभावशाली है! यह बाज सभी जीवों में सबसे तेज 322 किमी प्रति घंटा की अद्भुत गति तक पहुंच सकता है। पर सामान्य उड़ान की गति 50 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटे की ही होती है। इसकी गति और चपलता उसे हवा में शिकार को पकड़ने में सक्षम बनाती है, जिसके कारण इसे “हवा में उड़ता तीर” भी कहा जाता है। इसकी दृष्टि भी बहुत तेज होती है, जो इसे शिकार को दूर से ही पहचानने में मदद करती है। यह प्रमुख रूप से एशिया के पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है। छत्तीसगढ़ के बस्तर में इसे कभी-कभी देखा गया है। पर बिलासपुर में यह वर्षों बाद नजर आया।

मनुष्यों की हलचल से पक्षी परेशान 

मोहनभाठा में सेना की द्वितीय विश्वयुद्ध के समय की एक सैकड़ों एकड़ में फैली जमीन है। इसे हवाई पट्टी के रूप में इस्तेमाल किया जाना था। कुछ वर्ष पहले सेना ने इसे वापस कब्जे में लेने की कोशिश की तो पता चला कि अधिकांश भाग पर अवैध कब्जा हो चुका है। इसके बाद सेना ने चकरभाठा हवाई पट्टी में से जमीन मांगी थी, जिसे राज्य सरकार वापस मांग रही है। मोहनभाठा में उसकी जमीन पर बड़े-बड़े पेड़ लग चुके हैं, खेत बनाए जा चुके हैं। मोहनभाठा एक अच्छे पक्षी विहार के रूप में विकसित हो सकता है, पर यहां आये दिन ट्रैक्टर, खेती की अन्य मशीनों तथा मानव की हलचल पक्षियों को परेशान करते हैं।

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