बिलासपुर। गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा उच्चतम केटेगरी वन की स्वायत्तता प्रदान की गई है। हाल ही में नेक से मिली ए प्लस प्लस रैंकिंग के बाद यह दूसरी उपलब्धि है।
केटेगरी वन की स्वायत्तता पर हर्ष व्यक्त करते हुए कुलपति प्रोफेसर आलोक चक्रवाल ने कहा कि यह गौरव का पल है, जब छत्तीसगढ़ के एकमात्र केन्द्रीय विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय स्तर पर इस प्रकार की स्वायत्तता प्राप्त हुई । उन्होंने कहा कि शोध, अनुसंधान, नवाचार के साथ कौशल विकास के क्षेत्र में विश्वविद्यालय को नई ऊर्जा इससे प्राप्त होगी।
कुलपति ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में विकास की असीम संभावनाएं हैं। हम सभी को साथ मिलकर विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय अकादमिक मानचित्र पर स्थापित करने के लिए समन्वित प्रयास करने होंगे।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की 25 जून को आयोजित 581वीं बैठक में विश्वविद्यालय को केटेगरी 1 की स्वायत्तता प्रदान करने का निर्णय किया। अब गुरु घासीदास विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग 2018 में उल्लेखित प्रावधान चार के समस्त लाभ प्राप्त होंगे।
अब विश्वविद्यालय में यूजीसी की पूर्व अनुमति के बिना नवीन पाठ्यक्रम, विभाग अथवा केन्द्र की स्थापना की जा सकेगी। विश्वविद्यालय को अपने क्षेत्राधिकार के अंतर्गत ऑफ कैंपस की स्थापना करने की स्वतंत्रता होगी। नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क के तहत कौशल आधारित पाठ्यक्रम के साथ डिप्लोमा, सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों को प्रारंभ करने में आसानी होगी। निजी क्षेत्र के सहयोग के साथ शोध पार्क, इंक्यूबेशन केन्द्र आदि प्रारंभ करने में विश्वविद्यालय सक्रियता से प्रयास कर सकेगा। टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड रैंकिंग एवं क्यूएस रैंकिंग में प्रथम पांच सौ की संस्थानों से विदेशी शिक्षकों की नियुक्ति हेतु विश्वविद्यालय सक्षम होगा। विदेशी छात्रों को निर्धारित सीट संख्या के ऊपर प्रवेश प्रदान किया जा सकेगा। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अकादमिक क्षेत्र में अपने कार्यों में अति दक्ष शिक्षकों के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्धारित वेतनमान के अतिरिक्त मानदेय प्रदान किये जाने का प्रावधान होगा। विश्व की 500 सर्वश्रेष्ठ अकादमिक संस्थानों के साथ यूजीसी की पूर्व अनुमति के बिना एमओयू किया जा सकेगा एवं ओपन एंड डिस्टेंस पाठ्यक्रम को प्रारंभ करने की स्वायत्तता होगी।