बिलासपुर। मुंगेली जिले के सरगांव स्थित कुसुम पावर प्लांट में गुरुवार को हुए दर्दनाक हादसे के बाद बचाव कार्य अब भी जारी है। साइलो (स्टोरेज टैंक) गिरने से 6 मजदूर इसकी चपेट में आ गए थे। एक मजदूर की मौत हो चुकी है, जबकि 3 मजदूर अब भी मलबे में फंसे हुए हैं। रेस्क्यू टीम रातभर से मलबा हटाने में जुटी है, लेकिन अब तक सभी मजदूरों को बाहर नहीं निकाला जा सका है।
रेस्क्यू में जुटीं एसडीआरएफ और एनडीआरएफ टीमें
हादसे के बाद जिला प्रशासन ने एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें तैनात की हैं। हाई-कैपेसिटी क्रेन और आवश्यक मशीनरी की मदद से साइलो के सब-स्ट्रक्चर को हटाने का काम जारी है। भिलाई से मंगाई गई 400 टन क्षमता वाली क्रेन से मलबा हटाने का प्रयास किया जा रहा है। कलेक्टर राहुल देव और पुलिस अधीक्षक मौके पर मौजूद रहकर हालात पर नजर रखे हुए हैं।
क्या हुआ हादसे में?
गुरुवार दोपहर कुसुम स्मेल्टर स्टील एंड पावर प्लांट में डस्ट स्टोर करने वाला साइलो टैंक अचानक गिर गया। हादसे के वक्त टैंक के नीचे 6 मजदूर काम कर रहे थे। अमेरीकापा के मजदूर मनोज घृतलहरे को मलबे से निकालकर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। घायल लखन साहू का इलाज जारी है, जबकि तीन अन्य मजदूर अब भी मलबे में फंसे हैं।
तीन कर्मचारियों के दबे होने की आशंका
कंपनी के सुपरवाइजर जयंत साहू, फीडर अवधेश और अखिलेश लापता बताए जा रहे हैं। मजदूरों का कहना है कि हादसे के पीछे प्रबंधन की लापरवाही जिम्मेदार है। हादसे के बाद प्रबंधन ने देरी से प्रशासन को सूचना दी, जिससे बचाव कार्य शुरू होने में विलंब हुआ।
हंगामा और प्रशासन का बयान
रेस्क्यू में देरी से मजदूरों और उनके परिजनों ने जमकर हंगामा किया। प्रशासन और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति संभालने की कोशिश की। कलेक्टर राहुल देव ने कहा कि सभी मजदूरों को बाहर निकालने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
मजदूरों की सुरक्षा पर सवाल
यह हादसा मजदूरों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करता है। प्लांट में मानकों की अनदेखी और प्रबंधन की लापरवाही का आरोप मजदूरों और उनके परिजनों ने लगाया है। हादसे की पूरी जांच की मांग की जा रही है।