बिलासपुर। हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण बिलासपुर शहर में उत्पन्न हुई अव्यवस्था पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इस मुद्दे को जनहित याचिका के रूप में दर्ज कर लिया है। कोर्ट ने बारिश के कारण जलजमाव, नालियों की सफाई में कमी, बिजली आपूर्ति में बाधा और रेलवे अंडरब्रिज की खराब स्थिति को लेकर सरकार से जवाब तलब किया है।
अव्यवस्था पर हाईकोर्ट का सख्त रुख
शहर में बारिश से पहले नालियों के जाम होने और बिजली व्यवस्था के ठप होने की खबरें स्थानीय मीडिया में व्यापक रूप से प्रकाशित हुई थीं। इन खबरों के आधार पर हाईकोर्ट ने मामले को जनहित याचिका में बदल दिया और सुनवाई शुरू की। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की डिवीजन बेंच ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार और संबंधित अधिकारियों को पक्षकार बनाया।
शपथपत्र पर सरकारी जवाब
बुधवार को हुई सुनवाई में लोक निर्माण विभाग के सचिव ने एक शपथपत्र पेश किया, जिसमें बताया गया कि नगर निगम सीमा में सड़कों के निर्माण का कार्य बाल गोपाल कंस्ट्रक्शन को सौंपा गया है। इसके अलावा, कोर्ट ने डीआरएम से तारबाहर अंडरब्रिज की मरम्मत और सुधार कार्यों को लेकर भी जवाब तलब किया। कोर्ट ने पूछा है कि ब्रिज को ठीक करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं और कब तक काम पूरा हो जाएगा।
अगली सुनवाई और दिशा-निर्देश
कोर्ट ने सभी पक्षकारों से तीन सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। विशेष रूप से, रेलवे अंडरब्रिज की समस्या को प्राथमिकता दी गई है, जहां डीआरएम को शपथपत्र देकर विस्तृत जानकारी देने के लिए कहा गया है। कोर्ट ने नगर निगम को भी निर्देशित किया कि वह शहर में जल निकासी की व्यवस्था को सुधारने और नालियों की सफाई सुनिश्चित करे।