रायपुर। जल जीवन मिशन के कार्यों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए प्रदेश सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया है। निलंबित अधिकारियों के स्थान पर उनके क्षेत्र में पहले से कार्यरत अधिकारियों को प्रभार सौंपा गया है।
लापरवाह अधिकारियों पर निलंबन और नई नियुक्तियां
मिशन के कार्यों में लापरवाही और गलत रिपोर्टिंग के कारण छह जिलों के कार्यपालन अभियंताओं को निलंबित कर दिया गया है, जबकि चार अन्य जिलों के कार्यपालन अभियंताओं को कारण बताओ नोटिस जारी की गई है। निलंबित अधिकारियों के स्थान पर सहायक अभियंताओं को प्रभारी कार्यपालन अभियंता के रूप में नियुक्त किया गया है। इन अधिकारियों को पहले से ही क्षेत्र की जानकारी होने के कारण कार्य की प्रगति की संभावनाओं में वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है।
39 लाख घरों तक पहुंची योजना
छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन के तहत राज्य की 11,658 ग्राम पंचायतों के 19,657 गांवों में हर घर में शुद्ध पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। महामारी और विभागीय निविदा प्रक्रिया में देरी के कारण मिशन की शुरुआत 2021 में हुई, जिससे छत्तीसगढ़ को केवल तीन वर्षों का समय मिल सका है। राज्य के 50 लाख से अधिक घरों में जल पहुंचाने के लक्ष्य में से अब तक 39 लाख से अधिक घरों में पानी की आपूर्ति हो चुकी है।
अभियंताओं की कमी
राज्य में अभियंताओं की कमी के बावजूद जल जीवन मिशन का 79 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है। मिशन के तहत 16 जिलों में 80 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है, और 3600 गांवों में हर घर में नल से जल पहुंच रहा है। सरकार ने समयबद्धता और कार्य-पूर्णता को ध्यान में रखते हुए निलंबित अधिकारियों के स्थान पर क्षेत्रीय अधिकारियों को नियुक्त किया है, जिससे काम में कोई भी विलंब न हो।