हाईकोर्ट ने अतिरिक्त मुख्य सचिव को दिया निर्देश, याचिका निराकृत
बिलासपुर। एक ही इनक्यूबेटर में 5 नवजात शिशुओं को रखे जाने के मामले में स्वतः संज्ञान लेकर दर्ज की गई याचिका को निराकृत करते हुए हाईकोर्ट ने अरिकित मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि सभी अस्पतालों में नवजात शिशुओं के जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए।
पिछले दिनों हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने उस खबर पर स्वतः संज्ञान लिया था, जिसमें बताया गया था कि एक ही इनक्यूबेटर (सेंकने की मशीन) में पांच नवजात शिशुओं को रखा गया था। सरकार से इस संबंध में कोर्ट ने जानकारी चाही थी कि यह किस अस्पताल की है। समाचार दुर्ग से प्रकाशित था। इस पर दुर्ग कलेक्टर ने बताया कि वह किसी भी सरकारी अस्पताल की तस्वीर नहीं है, किसी निजी अस्पताल की हो सकती है। कोर्ट ने खबर के उस भाग को भी संज्ञान में लिया जिसमें बताया गया था कि ऑक्सीजन और वेंटिलेटर के अभाव में 5 साल के भीतर 40 हजार बच्चों की मौत हो चुकी है। कोर्ट ने राज्य सरकार की रिपोर्ट को देखकर कहा कि सरकारी अस्पतालों में बेड और वेंटिलेटर की कमी स्पष्ट दिखाई दे रही है। महाधिवक्ता की ओर से बताया गया कि अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में बेड, इनक्यूबेटर और वेंटिलेटर स्थापित करने के लिए कार्य शुरू कर दिया गया है। कोर्ट ने इस पर अतिरिक्त मुख्य सचिव को निर्देशित किया है कि वे आवश्यकता के अनुरूप सरकारी अस्पतालों में संसाधन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।