पुलिस की कार्रवाई पर अधिवक्ताओं व विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने उठाए सवाल, प्रदर्शन की घोषणा
बिलासपुर। मंगलवार को तारबाहर इलाके में फिलिस्तीन का झंडा फहराने के विवाद ने तूल पकड़ा, जिसके चलते पांच लोगों की गिरफ्तारी हुई और उन्हें जेल भेजा गया। इस घटना को शहर की शांति भंग करने की साजिश बताते हुए विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन से संविधान और कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की मांग की है। प्रतिनिधियों ने घोषणा की कि वे आगामी दिनों में शांति और सद्भावना का संदेश देने के लिए प्रदर्शन करेंगे।
प्रेस वार्ता में उठाए गए सवाल
बिलासपुर प्रेस क्लब में बुधवार को आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान गुरु घासीदास सेवादार संघ के संयोजक लखन सुबोध ने भाजपा और आरएसएस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे लोगों के बीच नफरत फैलाकर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन भारत का मित्र राष्ट्र है, और वहां युद्ध के कारण हजारों बच्चों की मौत हुई है। भारत युद्ध पीड़ितों की मदद भी कर रहा है। झंडे के मुद्दे को इस तरह उठाना मानो फिलिस्तीन के लोग आतंकवादी हों, गलत है। सुबोध ने यह भी पूछा कि क्या इस नफरत भरे माहौल में हमारे बच्चे सुरक्षित हैं? उन्होंने प्रशासन से शांति भंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
फिलिस्तीन झंडे को लेकर विवाद
अधिवक्ता प्रियंका शुक्ला ने आरोप लगाया कि हिंदू संगठनों ने पुलिस पर दबाव डालकर फिलिस्तीन के झंडे के मुद्दे पर एकतरफा कार्रवाई कराई है। उनका कहना है कि झंडा फहराने जैसी कोई घटना नहीं हुई, बल्कि त्योहार की सजावट में झंडे की प्रतिकृति का इस्तेमाल हुआ था। उन्होंने आरोप लगाया कि धर्म विशेष को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है और शहर में साम्प्रदायिक विवाद पैदा करने की साजिश हो रही है। किन लोगों ने सजावट में झंडे का इस्तेमाल किया, यह भी मालूम नहीं लेकिन पुलिस ने 5 लोगों को जेल भेज दिया। पुलिस कार्रवाई के बाद कुछ तथाकथित हिंदुत्ववादी संगठन के लोग सोशल मीडिया पर नफरत भरे वीडियो पोस्ट डाल रहे हैं। हमने प्रशासन को बताया और हेट स्पीच पर कार्रवाई की मांग की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
प्रशासन सामाजिक तनाव को रोके
समाजसेवी नंद कश्यप ने कहा कि सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि सामाजिक और जातिगत तनाव को रोका जाए। फिलिस्तीन को संयुक्त राष्ट्र की मान्यता प्राप्त है, और भारत ने भी फिलिस्तीन के समर्थन में अपनी स्थिति स्पष्ट की है। ऐसे में फिलिस्तीन के झंडे को लेकर इस तरह की कार्रवाई अनुचित है।
पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई की
अधिवक्ता शौकत अली ने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया, जिसमें 20-25 लोगों से पूछताछ की गई और त्योहार के लिए साज-सज्जा करने वालों को आरोपी बना दिया गया। उन्होंने प्रशासन पर जमानत की प्रक्रिया में सहयोग न करने का भी आरोप लगाया।