कई गंभीर वारदातों में पहले भी आया था नाम, एसपी ने की एकतरफा असाधारण कार्रवाई

बिलासपुर । उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर जब्बार गौरी सहित 10 आरोपियों की पुलिस ने जान जोखिम में डालकर पिछले दिनों गिरफ्तारी की थी। आरोपियों ने छापा मारने गई टीम पर पिस्तौल तान दी थी। जांच के दौरान पता चला कि एक आरक्षक बबलू बंजारे की आरोपियों के साथ साठगांठ है और गोपनीय सूचनाएं उनको देता है। पुलिस अधीक्षक ने इस पर कार्रवाई करते हुए उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया है।
रतनपुर बाईपास स्थित ग्राम बेलमुण्डी के पास खूंखार अपराधियों द्वारा पिस्टल, देशी कट्टा तथा धारदार चापड़ से लैस होकर किसी घटना को अंजाम देने की सूचना मिलने पर बिलासपुर पुलिस ने 10 अपराधियों जब्बार गौरी, इमरान कुरैशी, विनोद कुमार धृतलहरे, तरसेलाल भगत, अजमेरी, मो.फरमान, वाजीद कुरैशी, शाकिब कुरैशी, नवील खान और दानिश कुरैशी को घेराबंदी कर पकड़ा था। अभियुक्त जब्बार गौरी उत्तरप्रदेश का खतरनाक अपराधी है, जिसके विरुद्ध गैगस्टर एक्ट सहित अनेक गंभीर किस्म के मामले पंजीबद्ध हैं। इमरान खान भी उत्तरप्रदेश का ही निवासी है। अपराधियों ने हथियार से लैस होकर रेड करने गई पुलिस टीम को चुनौती देते हुए बंदूक तान दी थी और गोली मारने की धमकी दी थी। पुलिस की जांच टीम उस समय हैरत में पड़ गई जब उन्होंने पाया कि गिरफ्तार आरोपियों के मोबाइल फोन में सिरगिट्टी थाने के आरक्षक बबलू बंजारे का नंबर है। उनके साथ आरक्षक की दर्जनों बार बातचीत हुई है। थाना सिरगिट्टी के फोन से लगातार संपर्क में रहने व इस प्रकार प्रथम दृष्ट्या आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता उजागर होने पर उसे 12 मई को निलंबित कर दिया गया था।
जांच आगे बढ़ने पर पता चला कि आरक्षक बबलू बंजारे व्हाट्सएप चैट के माध्यम से गैंग से लगातार संपर्क में रहा तथा करीबी मित्र की तरह व्हाट्सएप चैट कर रहा था। दुर्दान्त अपराधियों से घनिष्ठता, फोन एवं व्हाट्सएप के माध्यम से विभाग की गोपनीय जानकारी साझा करने, बारकोड भेजने एवं पेमेंट का स्क्रीन शॉट भेजने आदि से आरक्षक की अवैध एवं खतरनाक आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता उजागर हुई। इसके पूर्व भी थाना सकरी के छत्तीसगढ़ कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम एवं पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम में आरक्षक का नाम आया था। महिला थाने में एक प्रकरण आया था जिसमें आरक्षक एक बलात्कार के मामले में आरोपी था। इसमें आरक्षक ने फर्जी मेडिकल रिपोर्ट प्रस्तुत कर बचने की कोशिश की थी। आरक्षक पुलिस की नौकरी की आड़ में खतरनाक अपराधियों से सतत् संपर्क में रहकर उन्हें लगातार मदद करता रहा। आरक्षक के आपराधिक हौसले इतने बुलंद हैं कि पूर्व से ही उसकी आपराधिक संलिप्तता उजागर होने के बाद भी लगातार पुनरावृत्ति कर रहा था। आरक्षक की आपराधिक प्रवृत्ति से जनमानस में पुलिस की छवि धूमिल हो रही थी। इसे देखते हुए पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने असाधारण और अनुकरणीय कदम उठाते हुए  भारतीय संविधान की कंडिका 311 के खड (2) के  उपखण्ड ‘‘ख’’ के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग कर आरक्षक बबलू बंजारे को तत्काल प्रभाव से पुलिस विभाग की सेवा से बर्खास्त कर दिया है।

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