नई दिल्ली। आवास एवं शहरी मामलों के केन्द्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने बुधवार को नई दिल्ली स्थित निर्माण भवन में बिलासपुर सहित 18 चयनित शहरों के प्रस्तावों की समीक्षा की। यह समीक्षा सिटीज़ 2.0 (Cities Investment to Innovate, Integrate, and Sustain)  कार्यक्रम के अंतर्गत हुई, जिसका उद्देश्य शहरी विकास को बढ़ावा देना और परिपत्र अर्थव्यवस्था (Circular Economy) की दिशा में कदम बढ़ाना है।

मुख्य उद्देश्य और फोकस
इस बैठक का प्रमुख विषय “सिटीज़ 2.0” कार्यक्रम था, जो शहरों को जलवायु-उन्मुख परियोजनाओं के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करता है। बिलासपुर इस कार्यक्रम में चुने गए 18 शहरों में से एक है, जहाँ नगरपालिका स्तर पर एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन, राज्य स्तर पर जलवायु सुधार और राष्ट्रीय स्तर पर संस्थागत विकास की गतिविधियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

मंत्री साहू ने बिलासपुर की विकास योजना की विस्तार से समीक्षा की। इस दौरान राष्ट्रीय शहरी मामले संस्थान (एनआईयूए – National Institute of Urban Affairs) की निदेशक डॉ. देबोलिना कुंडू ने मंत्री को बताया कि कैसे स्मार्ट सिटी मिशन, स्वच्छ भारत मिशन और अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) जैसे प्रमुख कार्यक्रमों के माध्यम से शहरी सुधारों को गति दी जा रही है।

CITIIS 2.0 की परिकल्पना और उद्देश्य
CITIIS 2.0 की शुरुआत भारत सरकार ने फ्रांस की विकास एजेंसी एएफडी (Agence Française de Développement), जर्मनी की विकास बैंक केएफडब्ल्यू (Kreditanstalt für Wiederaufbau), यूरोपीय संघ (EU), और एनआईयूए के सहयोग से की है। इसका मुख्य उद्देश्य जलवायु-संवेदनशील शहरी योजनाओं को बढ़ावा देना है। यह कार्यक्रम CITIIS 1.0 के अनुभवों और सफलताओं पर आधारित है और इसे नवाचार, समावेशन और स्थिरता के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

सहयोगी संस्थानों का योगदान

  1. एएफडी (फ्रांस की विकास एजेंसी) – यह फ्रांस की सरकारी वित्तीय संस्था है, जो विकासशील देशों में आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय स्थिरता के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
  2. केएफडब्ल्यू (जर्मन विकास बैंक) – यह जर्मनी का सरकारी बैंक है, जो विकासशील देशों में बुनियादी ढांचा और जलवायु परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहयोग प्रदान करता है।
  3. यूरोपीय संघ (EU) – यह संगठन यूरोप के देशों का संघ है, जो आर्थिक और राजनीतिक रूप से सहयोग करता है। इसके माध्यम से CITIIS 2.0 कार्यक्रम को अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी और आर्थिक समर्थन मिलता है।
  4. एनआईयूए (National Institute of Urban Affairs) – यह भारत का प्रमुख संस्थान है, जो शहरी विकास से संबंधित शोध, तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण में योगदान देता है।

CITIIS 2.0 का उद्देश्य जलवायु-संवेदनशील योजनाओं को लागू करना और शहरों में एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस कार्यक्रम से बिलासपुर जैसे शहरों को शहरी विकास में नवाचार और स्थिरता के साथ आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।

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