सीएम ने दिया न्यायिक जांच के आदेश, एसपी ने कहा-किसी भी उपद्रवी को बख्शा नहीं जाएगा
मालूम हो कि बीते 15 मई को सतनामी समाज के तीर्थ स्थल गिरौदपुरी से कुछ दूरी पर स्थित महकोनी गांव में स्थित अमरगुफा के जैतखाम को कुछ असामाजिक तत्वों ने आरी से काटकर फेंक दिया था। पुलिस ने पुजारी करमदास से इसकी शिकायत मिलने पर एफआईआर दर्ज की थी और तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सतनामी समाज का कहना था कि उक्त घटना के पीछे साजिश है और असली आरोपियों को पुलिस प्रशासन का संरक्षण मिला हुआ है। उन्होंने घटना की सीबीआई जांच कर दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग पर आज बलौदा बाजार के दशहरा मैदान में प्रदर्शन का आयोजन किया था। प्रशासन से शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति ली गई थी। दशहरा मैदान की सभा समाप्त होने के बाद भीड़ कलेक्ट्रेट की ओर पहुंच गई। इनकी संख्या 3 से 4 हजार थी, जबकि इन पर काबू पाने के लिए पुलिस फोर्स काफी कम संख्या में तैनात थी। दरअसल, दशहरा मैदान में प्रदर्शन के बाद कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करने की योजना अचानक बनने से पुलिस कोई तैयारी नहीं कर पाई थी। पुलिस ने पूरी ताकत से भीड़ को बेरिकेड्स लांघकर भीतर आने से रोकने का प्रयास किया लेकिन भीड़ उग्र हो चुकी थी। वे बेरिकेड्स गिराकर उसे रौंदते हुए आगे बढ़ गए। भीड़ ने आगे बढ़ते हुए परिसर के बाहर खड़ी कार, जीप, बाइक सबको आग के हवाले कर दिया और कलेक्ट्रेट पहुंच गए। इसी परिसर में पुलिस अधीक्षक का कार्यालय भी है। सब में आग लगा दी गई। देखते ही देखते गाड़ियां और बिल्डिंग से आग की लपटें उठने लगीं। उपद्रवी घटना के बाद तुरंत वहां से भाग निकले। रायपुर से अतिरिक्त पुलिस बल और फायर ब्रिगेड बुलाई गई। रायपुर से बल के पहुंचने तक उपद्रवी घटनास्थल से भाग चुके थे। फायर ब्रिगेड ने इस दौरान आग पर काबू पा लिया है।
रायपुर के आईजी अमरेश मिश्रा और आला पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद हैं। बलौदाबाजार के पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार ने कहा है कि उपद्रवियों की पहचान वीडियो फुटेज से की जाएगी और सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। किसी भी उपद्रवी को बख्शा नहीं जाएगा।