बिलासपुर। सक्ती जिले के डभरा थाना में दर्ज एक मामले की जांच में 8 माह की देरी और एफआईआर को चुनौती देने के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पुलिस अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने कहा, “अधिकारियों की रोज फोटो छप रही है, लेकिन वे अपने काम में लापरवाही बरत रहे हैं। अधिकारी बॉलीवुड स्टार नहीं हैं।”

क्या है मामला?

डभरा थाने में 25 अप्रैल 2024 को भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 408 और 420 के तहत मामला दर्ज किया गया था। एफआईआर को चुनौती देते हुए एक आरोपी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी ने स्वयं उपस्थित होकर कोर्ट को बताया कि एफआईआर दर्ज होने के 8 माह बाद भी इसे उजागर नहीं किया गया और जांच में कोई प्रगति नहीं हुई है।

कोर्ट की सख्त टिप्पणी

चीफ जस्टिस ने मामले की सुनवाई के दौरान शासन के अधिवक्ता से कहा, “यह क्या हो रहा है? हर मामले में यही स्थिति है। एसपी और जांच अधिकारी अपना काम नहीं कर रहे। जांच महीनों तक चलती रहती है। अधिकारी रोज अखबारों में अपनी तस्वीरें छपवाने में लगे हैं।”

डीजीपी को जोड़ने का निर्देश, फिर छोड़ा

कोर्ट ने पहले डीजीपी को ऑनलाइन सुनवाई में शामिल करने का निर्देश दिया था, लेकिन अतिरिक्त महाधिवक्ता के अनुरोध पर इसे टाल दिया। कोर्ट ने इस याचिका को इसी तरह के अन्य मामलों के साथ जोड़ते हुए सुनवाई के लिए 2 दिसंबर 2024 की तारीख तय की है।

कोर्ट में पीड़ित और आरोपी की उपस्थिति

चीफ जस्टिस ने यह भी कहा कि एफआईआर की जांच और प्रक्रिया में देरी से पीड़ित और आरोपी दोनों कोर्ट के समक्ष बार-बार पेश हो रहे हैं। उन्होंने इस स्थिति को गंभीर लापरवाही करार दिया।

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