एसईसीएल का निर्देश- ड्यूटी के दौरान फोन का इस्तेमाल किया तो कड़ी कार्रवाई

बिलासपुर। एसईसीएल की जांच रिपोर्ट में सहायक प्रबंधक जितेंद्र नागरकर की मौत की वजह उसी की लापरवाही को बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बारिश के दौरान स्थिति खतरनाक हो जाने के बावजूद वे अपने बचाव के प्रति गंभीर नहीं थे और मोबाइल का उपयोग कर रहे थे।

एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र के सामान्य प्रबंधक ए. त्रिपाठी की ओर से जारी जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि बीते 27 जुलाई को खदान में एक घटना घटी, जिसमें एक सहायक प्रबंधक की मृत्यु हो गई। इस घटना की जांच के बाद यह पाया गया कि कार्यस्थल पर भारी बारिश के समय, सहायक प्रबंधक जितेंद्र नागरकर मोबाइल फोन का लगातार उपयोग कर रहे थे। घटनास्थल पर मौजूद बाकी लोग वहां से बचकर निकल गए, पर नागरकर का लगातार मोबाइल फोन पर ही ध्यान था। बारिश के दौरान स्थिति खतरनाक हो गई, और मोबाइल पर लगातार ध्यान देने के कारण यह घटना हुई, जिसमें उनकी मृत्यु हो गई।

जांच के बाद निर्देश

जांच के निष्कर्षों और तथ्यों के आधार पर, यह निर्णय लिया गया है कि सभी कार्यपालक, पर्यवेक्षक, और कर्मचारियों को कार्यस्थल पर मोबाइल का उपयोग न करने का सख्त निर्देश दिया जाए। त्रिपाठी सभी कर्मचारियों को कार्यस्थल पर मोबाइल का उपयोग बंद करने और अपने कार्य पर ध्यान केंद्रित करने के लिए निर्देशित किया है।

कोई भी लापरवाही या शिकायत मोबाइल का उपयोग करने के संबंध में पाई जाती है तो उसे गंभीरता से लिया जाएगा और संबंधित कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सभी कर्मचारियों को सख्ती से इन निर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है।

ह्यूम पाइप्स में मलबा जमा था

ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित एसईसीएल (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) के कुसमुंडा मेगा प्रोजेक्ट खदान में 27 जुलाई को एक बड़ा हादसा हुआ। शाम 4.30 बजे भारी वर्षा के कारण खदान में कार्यरत 6 लोग पानी के बहाव में फंस गए। इनमें से 5 लोग सुरक्षित रूप से निकलने में सफल रहे, लेकिन सहायक प्रबंधक (माइनिंग) जितेंद्र नागरकर पैर फिसलने के कारण पानी के बहाव में बह गए थे। बिलासपुर से पहुंची एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) की टीम की सहायता से नागरकर के शव को करीब 20 घंटे बाद ढूंढ लिया गया था। एसईसीएल ने बताया था कि खदान में एक साथ भारी मात्रा में बारिश होने के कारण, पानी की निकासी के ह्यूम पाइप्स में मलबा जमा हो गया था, जिससे पानी ओवरफ्लो होने लगा और यह घटना घटी।

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