शुक्रवार की दोपहर राजधानी रायपुर में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डीपीएस भिलाई स्कूल में चार साल की बच्ची के साथ हुए कथित दुर्व्यवहार के मामले को लेकर राज्य सरकार और प्रशासन पर तीखे हमले किए।
राजीव भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में बघेल ने कहा कि प्रशासन की लापरवाही और मामले को दबाने की कोशिशों के बावजूद, वे पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए हरसंभव कदम उठाएंगे।
उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी सही ढंग से नहीं निभाई। POCSO (Protection of Children from Sexual Offences) अधिनियम के तहत ऐसे मामलों में सबसे पहले FIR दर्ज होनी चाहिए, लेकिन यहां तो एफआईआर दर्ज करने में भी ढिलाई बरती गई। मेडिकल रिपोर्ट में बच्ची के प्राइवेट पार्ट में जख्म की पुष्टि हो चुकी है, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई, जो प्रशासन की बड़ी विफलता को दर्शाता है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि आखिर सरकार इस मामले में क्यों चुप है और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम क्यों नहीं उठाए जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन वह किसी भी सूरत में मासूम को न्याय दिलाकर रहेंगे। बघेल ने कहा, “शासन-प्रशासन इस मामले को दबाने की चाहे जितनी कोशिश कर ले, मासूम बिटिया को हम न्याय दिला कर रहेंगे।”
प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद पूर्व मंत्री रविंद्र चौबे ने भी इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “प्रिंसिपल का पॉलीग्राफी टेस्ट क्यों नहीं होना चाहिए? ऐसे गंभीर प्रकरण की जांच क्या स्कूल के प्रिंसिपल करेंगे?” चौबे ने सरकार से मांग की कि इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई करे।
बघेल ने कहा कि प्रदेश में आदिवासियों की बेवजह गिरफ्तारी की जा रही है, मंत्रियों के परिजनों के वीडियो वायरल हो रहे हैं, और रेत, शराब माफियाओं को लेकर भाजपा नेताओं के बीच झगड़ा हो रहा है। भाजपा नेताओं को खुद उनके ही लोग पीट रहे हैं। जब उनके काफिले को रोका गया तो एसपी और थानेदार गुंडों से डरते नजर आए।
प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जैसे रविंद्र चौबे, धनेन्द्र साहू, सत्यनारायण शर्मा, अमरजीत भगत, डॉ. शिव डहरिया समेत अन्य कांग्रेस पदाधिकारी भी उपस्थित थे।