नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें चुनाव आयोग को मौजूदा लोकसभा चुनावों के दौरान प्रत्येक मतदान केंद्र के लिए मतदाता मतदान डेटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
जस्टिस दीपांकर दत्ता और सतीश चंद्र शर्मा की अवकाश पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग के लिए इस समय आवश्यक जनशक्ति की व्यवस्था करना चुनौतीपूर्ण होगा, क्योंकि मतदान के पांच चरण पहले ही पूरे हो चुके हैं और दो चरण शेष हैं।
न्यायालय ने कहा , ‘‘हमें जमीनी हकीकत को भी ध्यान में रखना चाहिए और चुनाव के दौरान चुनाव आयोग पर ज्यादा बोझ नहीं डालना चाहिए, वह भी बीच में प्रक्रिया में बदलाव करके।’’
न्यायालय ने एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा दायर अंतरिम याचिका को चुनाव के बाद नियमित पीठ द्वारा सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया।
पीठ ने कहा कि आवेदन में की गई प्रार्थनाएं मुख्य याचिका में की गई प्रार्थनाओं के समान प्रतीत होती हैं, जो इसी मुद्दे पर 2019 से लंबित है। पीठ ने कहा, ” इस समय कोई भी राहत देना मुख्य याचिका में राहत देने के समान होगा, जो लंबित है।”
17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने एनजीओ की याचिका के संबंध में चुनाव आयोग से एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था। एडीआर ने अपनी 2019 की जनहित याचिका के हिस्से के रूप में एक अंतरिम आवेदन दायर किया था, जिसमें चुनाव आयोग को लोकसभा चुनाव के प्रत्येक चरण के समापन के तुरंत बाद सभी मतदान केंद्रों से “फॉर्म 17 सी भाग- I (रिकॉर्ड किए गए मतों का लेखा-जोखा)” की सुपाठ्य स्कैन की गई प्रतियां अपलोड करने के निर्देश देने की माँग की गई थी।

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