कल विधायकी छोड़ी थी, आज मंत्री पद से दे दिया इस्तीफा, पर पर बने रहने की इच्छा जताई थी
रायपुर। नवनिर्वाचित सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने बुधवार 19 जून को शिक्षा मंत्री पद से अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को सौंप दिया।
कल उन्होंने विधायक पद से स्पीकर डॉ. रमन सिंह को इस्तीफा ृदिया था और कहा था कि सीएम जब तक चाहेंगे वे मंत्री बने रहेंगे। मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बात करते हुए बृजमोहन अग्रवाल भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि आठ बार लगातार जिताकर मुझे जनता ने भेजा और अब (जीत की मार्जिन का) इतिहास बनाकर ही उन्होंने लोकसभा भेजा है। मैं सबका आभारी हूं।
अग्रवाल ने कहा कि आज ृभावुक मन से मैंने अपना मंत्री पद त्याग दिया है। ृमुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियों, चीफ सेक्रेटरी, सभी अधिकारियों ने लोकसभा चुनाव जीतने पर मेरा सम्मान किया है। मैं सभी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। इन 34-35 सालों की विधायकी के कार्यकाल में और लगभग 18-19 साल के मंत्री के कार्यकाल में अगर मुझसे किसी को कोई तकलीफ हुई, किसी को कष्ट हुआ हो तो उन सबसे मैं क्षमा चाहता हूं। जनता का, साथियों का, कार्यकर्ताओं का अपनापन, लगाव, स्नेह, प्यार लगातार मिला है। अब वह आगे भी संसद में काम करने पर मिलेगा। उसी ताकत के दम पर मैं जनता की आवाज पहले छत्तीसगढ़ में था, अब देश की लोकसभा में बनूंगा। अग्रवाल ने कहा कि रायपुर दक्षिण की जनता ने मेरे ऊपर बड़ा एहसान किया है। उन पर मेरा ऋण है। किसी एक व्यक्ति को आठ बार, और लगातार विधायक चुना। आज विदाई की, तो इतिहास बनाकर किया। लोकसभा भी भेज रहे हैं तो फिर इतिहास बनाकर। मैं सबके प्रति आभार व्यक्त करता हूं।
छत्तीसगढ़ मंत्रिपरिषद् की बैठक में पहुंचे बृजमोहन अग्रवाल ने आज मंत्री पद से अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री साय को सौंप दिया था। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिलने का उन्हें कोई मलाल नहीं है। पूर्व मंत्री शिव डहरिया के प्रस्ताव, जिसमें उन्होंने अग्रवाल को कांग्रेस में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था-पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अग्रवाल ने कहा कि डहरिया अपना सम्मान और प्रस्ताव अपने पास रखें।
ज्ञात हो कि बृजमोहन अग्रवाल ने इसके कुछ दिन पहले मीडिया से चर्चा करते हुए कहा था कि वे विधायक नहीं रहने पर भी 6 माह तक मंत्री बने रह सकते हैं। पर यह मुख्यमंत्री पर निर्भर करता है।