बिलासपुर। बेलगहना के भनवारटंक जंगल में भ्रमण पर आई बाघिन ने आखिरकार वापस मरवाही वन मंडल के गौरेला रेंज की ओर रुख कर लिया है। इस खबर से आसपास के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। वहीं, वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी बाघिन की सुरक्षा और गतिविधियों पर चौबीस घंटे नजर रखे हुए हैं ताकि उसे या किसी और को नुकसान न हो।
शनिवार की देर रात बाघिन जंगल के रास्ते से गुजरते हुए मरवाही की ओर बढ़ गई। रविवार सुबह तक उसने गौरेला रेंज के जंगल में शरण ले ली। मरवाही वन मंडल के अधिकारी और कर्मचारी लगातार बाघिन की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। आसपास के गांवों के निवासियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। मालूम हुआ है कि बाघिन अचानकमार अभयारण्य के केंवची रेंज की ओर बढ़ रहा है।
अब तक बाघिन ने किसी भी व्यक्ति या वन्यजीव को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है। रेडियो कॉलर की मदद से उसकी लोकेशन का पता लग रहा है। डीएफओ सत्यदेव शर्मा ने बताया कि दिसंबर 2024 में बाघिन को मनेंद्रगढ़-चिरमिरी क्षेत्र में पकड़ा गया था और उसे अचानकमार टाइगर रिजर्व में सुरक्षित छोड़ा गया था। हाल ही में बाघिन मरवाही वन मंडल में देखी गई थी, और वन विभाग ने उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की थी। अब, बाघिन बेलगहना के भनवारटंक के पास मंदिर के आसपास घूमते हुए नजर आई थी।