राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने यूजीसी-नेट परीक्षा को रद्द करने की घोषणा की है। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक प्रारंभिक साक्ष्यों से पता चला है कि परीक्षा की अखंडता से समझौता किया गया है।
यूजीसी-नेट परीक्षा का शेड्यूल फिर जारी किया जाएगा, जिसकी नई तारीख जल्द घोषित की जाएगी। इसके अलावा, परीक्षा में अनियमितताओं का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को जांच के लिए सौंप दिया जाएगा।
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी ने बुधवार को यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने की घोषणा की , क्योंकि उसे प्रथम दृष्टया संकेत मिले हैं कि परीक्षा की सत्यनिष्ठा से समझौता किया गया है। देशभर के 11 लाख 21 हजार विद्यार्थियों ने यह परीक्षा दी थी।
यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कल बताया था कि देश के 317 शहरों में 11.21 लाख से अधिक पंजीकृत उम्मीदवारों में से लगभग 81 प्रतिशत ने नेट परीक्षा दी थी। यूजीसी-नेट विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में ‘सहायक प्रोफेसर’ के साथ-साथ ‘जूनियर रिसर्च फेलोशिप और सहायक प्रोफेसर’ के पद के लिए भारतीय नागरिकों की पात्रता निर्धारित करने के लिए एक परीक्षा है।
यूजीसी-नेट का संचालन राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा कंप्यूटर-आधारित टेस्ट (सीबीटी) मोड में किया जाता है।
जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) और/या सहायक प्रोफेसरशिप के लिए पात्रता यूजीसी-नेट के पेपर-I और पेपर-II में उम्मीदवार के समग्र प्रदर्शन पर निर्भर करती है।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब NEET परीक्षा को लेकर विवाद चल रहा है, जिसमें अनियमितताओं के आरोप लगे हैं।
मंत्रालय ने कहा, “सरकार परीक्षाओं की पवित्रता सुनिश्चित करने और छात्रों के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह दोहराया जाता है कि इस मामले में संलिप्त पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति/संगठन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

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