नई दिल्ली। सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) योजना को बंद करने पर विचार कर रही है, जिससे निवेशकों को झटका लग सकता है। इस योजना के तहत निवेशकों को पिछले कुछ वर्षों में अच्छे रिटर्न मिले हैं, लेकिन सरकार पर बढ़ते आर्थिक बोझ के चलते इसे बंद करने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं।

सरकार पर बढ़ता बकाया और संभावित फैसला

सरकार के अनुसार, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना के तहत निवेशकों का बकाया मार्च 2020 में लगभग 10,000 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 85,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इस बढ़ते बकाए के चलते सरकार इसे घाटे का सौदा मान रही है और सितंबर 2024 में इस योजना को बंद करने का निर्णय ले सकती है।

निवेशकों के लिए फायदे और बाजार की स्थिति

SGB योजना के तहत निवेशकों को फिजिकल गोल्ड की तुलना में कई फायदे मिले हैं, जैसे कि शुद्धता की गारंटी, सुरक्षित निवेश, मेकिंग चार्ज की कमी, और लिक्विडिटी का फायदा। वर्तमान में, सभी 67 सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सीरीज प्रीमियम पर ट्रेड कर रही हैं, जिसमें 2023-24 की चौथी और अंतिम सीरीज (SGBFEB32IV) सबसे अधिक प्रीमियम पर है। यह बॉन्ड 7,970 रुपये प्रति यूनिट पर ट्रेड हो रहा है, जो 7,160 रुपये के मौजूदा मार्केट प्राइस से 11% अधिक है।

बॉन्ड के ट्रेडिंग वॉल्यूम और बाजार की प्रतिक्रिया

एनएसई के आंकड़ों के अनुसार, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) की सीरीज में ट्रेडिंग वॉल्यूम भी अच्छा प्रदर्शन कर रही है, जिसमें SGBMAY29I सीरीज 3,217 शेयर/ग्राम के डेली वॉल्यूम के साथ सबसे आगे है।

फ्यूचर और अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थिति

घरेलू बाजार में सोने की कीमत 71,575 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 2,500 डॉलर प्रति औंस के पार जा चुका है। जानकारों के अनुसार, सोने की कीमतों में आगे भी तेजी की संभावना बनी हुई है, जिससे SGB योजना में निवेशकों की रुचि बरकरार है।

सरकार के लिए चुनौती

सरकार के लिए यह योजना एक चुनौती बन गई है क्योंकि इसने निवेशकों को अच्छे रिटर्न देने के बावजूद, सरकार पर बढ़ते बकाए का दबाव बना दिया है। अब देखना यह होगा कि सितंबर में सरकार क्या फैसला लेती है और निवेशकों को किस तरह की राहत मिलती है।

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